विजयादशमी के दिन किये जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य और टोटके

Dussehra 2020

दशहरा ऐसा शुभ मुहूर्त होता है जिसमें किसी भी शुभ कार्य और अनुष्ठान के लिए तिथि देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस विशेष दिन बिना तिथि देखे, आप दिनभर कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य कर सकते हैं। दशहरा के दिन क्षत्रिय अपने शस्त्रों का पूजन करते हैं, जिसे शक्ति-पूजन के रूप में देखा जाता है।

कार्तिक अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भारत भर में विजयादशमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता रहा है। कहा जाता है कि ठीक इसी दिन भगवान राम ने लंकापति रावण के ऊपर विजय प्राप्त की थी, तो माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर धरती को असुरों से मुक्त कराया था। यही वजह कि दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है।

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दशहरा से जुड़ी कथा

यह जन जन को ज्ञात कथा है, जिसमें भगवान राम ने माता सीता को रावण की कैद से मुक्त कराने के लिए 9 दिन तक रावण के साथ युद्ध किया और दसवें दिन रावण को मारकर माता सीता को मुक्त कराया। वहीं दूसरी तरफ मां दुर्गा ने धरती पर आतंक मचाए राक्षस महिषासुर से नौ दिन तक युद्ध किया और विजयादशमी के दिन ही महिषासुर का वध किया था। दोनों ही कथाएँ जन मानस में अति लोकप्रिय हैं।

दशहरा के दिन की जाने वाली विशेष पूजा अर्चना

वैसे तो प्रत्येक मनुष्य रोज ही पूजा पाठ करता है, लेकिन विजयादशमी के दिन हमारे धर्म ग्रंथों में विशेष कर्मकांड और पूजा पाठ की विधि बताई गई है, जिसको करने से मनुष्य को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार विजयादशमी के दिन श्री रामचरितमानस के 'लंका कांड' का पाठ करने से आप अपने आसपास मौजूद शत्रु को आसानी से परास्त कर पाते हैं। इसीलिए विजयादशमी के दिन 'लंका कांड' का पाठ आपको कई जगह सुनाई देगा।

दशहरा ऐसा शुभ मुहूर्त होता है जिसमें किसी भी शुभ कार्य और अनुष्ठान के लिए तिथि देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस विशेष दिन बिना तिथि देखे, आप दिनभर कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य कर सकते हैं। दशहरा के दिन क्षत्रिय अपने शस्त्रों का पूजन करते हैं, जिसे शक्ति-पूजन के रूप में देखा जाता है।  

दशहरे के दिन अगर पूरे परिवार के सहित घर के पूर्व दिशा की तरफ जाकर शमी वृक्ष की पूजा की जाए, तो आपके जीवन में चल रही सभी कठिनाइयों से आप मुक्त होते हैं। इसके साथ ही आपके परिवार जनों के जीवन में भी सुख और शांति आती है। कहा जाता है कि शमी का पौधा शत्रु नाशक होता है। आज विजयादशमी के दिन इसकी पूजा करने से आप अपने शत्रुओं को आसानी से परास्त कर पाएंगे।

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दशहरे के दिन करें यह टोटके

अगर आप अपने घर में सुख समृद्धि लाना चाहते हैं तो दशहरे के दिन आप झाड़ू खरीद कर किसी मंदिर के में ऐसे स्थान पर रख दें, जहां आपको कोई नहीं देख रहा हो। इस गुप्त दान से आपके जीवन में चल रही परेशानियां दूर होती हैं।

दशहरे के दिन रावण दहन से पहले आप अपने घर के ईशान कोण में कुमकुम, चंदन, लाल फूल से एक अष्टदल कमल की आकृति बना लें। इसके बाद आप यहां बैठकर माता जया और विजया को स्मरण करते हुए पूजन करें तो आप को विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि मां जया और विजया माता दुर्गा की सहायक योगिनी हैं। इस पूजा के उपरांत आप शमी के वृक्ष के नीचे से मिट्टी लेकर अपनी तिजोरी के पास या और पूजा स्थल पर रख दें तो कहा जाता है कि आपके घर में कभी भी दरिद्रता नहीं आएगी और धन का आगमन बना रहेगा।

दशहरे के दिन आप सफेद फिटकरी को अपने घर के सभी सदस्यों से स्पर्श कराने के बाद छत पर जाकर अपने इष्ट देव को ध्यान करते हुए उल्टी दिशा यानी कि पीठ की तरफ फेंक दें। कहा जाता है कि इससे आपके घर में मौजूद सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का वास आपके घर में होने लगता है।

अगर आप लंबे समय से आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो दशहरे के दिन से लेकर अगले 43 दिनों तक आप किसी कुत्ते को बेसन के लड्डू खिलाएं, तो आपकी आर्थिक समस्या हल हो जाएगी और धन आगमन शुरू हो जाएगा।

वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप रावण दहन के समय जलती हुई किसी लकड़ी को लेकर अपने घर में सुरक्षित स्थान पर रखते हैं,, तो इससे आपके घर में नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं तथा किसी और के द्वारा किया गया तंत्र -मंत्र आपके घर पर प्रभावी नहीं होता है।

अगर आप धन कमाने की इच्छा से यात्रा कर रहे हैं तो आपको दशहरे के दिन प्रस्थान करना चाहिए। इससे आपकी यात्रा सफल होती है और आप मनोवांछित धन प्राप्त कर पाते हैं।

विंध्यवासिनी सिंह

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