कब है षटतिला एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त और कैस करें इस दिन भगवान विष्णु की पूजा

Shattila Ekadashi
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सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत रुप से पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखा जाता है और श्री विष्णु की उपसाना की जाती है। आइए आपको बताते हैं कब है षटतिला एकादशी और भगवान विष्णु की पूजा करने की विधि।

 प्रत्येक साल में कुल 24 एकादशी की तिथियां आती है और हर महीने में दो एकादशी तिथियां पड़ती है। हिंदू धर्म में एकादशी का सबसे अधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत रुप से पूजा की जाती है और व्रत भी रखा जाता है।  पंचांग के अनुसार, इस बार षटतिला एकादशी 25 जनवरी को पड़ रही है। पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की उपासना की जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सबसे बढ़िया होता है। आइए आपको बताते हैं षटतिला एकादशी के दिन पूजा कैसे करें।

कब षटतिला एकादशी

इस साल षटतिला एकादशी 25 जनवरी 2025 को मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार, 24 जनवरी के दिन 7.25 पी एम से एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, जो 25 जनवरी के दिन 8.31 पी एम मिनट तक रहेगी।

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त

- एकादशी तिथि आरंभ- 24 जनवरी, 2025 को 7.25 बजे

- एकादशी तिथि समाप्त- 25 जनवरी 2025 को 8.31 बजे

- पारण तिथि के दिन द्वदशी समाप्त होने का समय - 20.54

कैसे करें भगवान विष्णु की पूजा

- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करें।

- भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें।

- प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।

- भगवान विष्णु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें।

- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।

- अगर संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प लें।

- षटतिला एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें।

- इस मंत्र का जाप करें- ॐ नमों भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।

- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें।

- भगवान को तुलसी दल सहित भोग लगाएं।

- अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

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