जाति ध्रुवीकरण के कारण सिद्धरमैया दो सीटों पर लड़ रहें है चुनाव
चामुंडेश्वरी सीट पर अगड़ी जातियों विशेषकर संख्याबल के आधार पर मजबूत वोक्कालिगा समुदाय के ध्रुवीकरण के कारण कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बदामी सीट से भी चुनाव लड़ने की संभावना है।
बेंगलुरू। चामुंडेश्वरी सीट पर अगड़ी जातियों विशेषकर संख्याबल के आधार पर मजबूत वोक्कालिगा समुदाय के ध्रुवीकरण के कारण कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बदामी सीट से भी चुनाव लड़ने की संभावना है। विधानसभा चुनावों पर नजर रख रहे लोगों ने आज यह बात कही। सिद्धरमैया बार बार यह बात कहते रहे हैं कि कांग्रेस लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करेगी। उन्होंने पहले कहा था कि वह केवल चामुंडेश्वरी से चुनाव लड़ेंगे जिसने उन्हें ‘‘राजनीतिक रूप से जन्म’’ दिया। मुख्यमंत्री ने अक्सर यह भी कहा है कि ‘‘पूरी संभावना है’’ कि यह उनका अंतिम चुनाव है और वह अपनी राजनीतिक पारी वहीं समाप्त करना चाहते हैं जहां से उन्होंने इसे शुरू किया था। कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस के आंतरिक सर्वेक्षण में संकेत मिले हैं कि चामुंडेश्वरी में मुख्यमंत्री को कड़ी टक्कर मिलेगी।
चुनाव पर करीबी नजर रख रहे लोगों का कहना है कि प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय में सिद्धरमैया के खिलाफ ‘‘विरोध का माहौल’’ है। पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के नेता एच डी देवगौडा इसी समुदाय से आते हैं। अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में राजनीतिक दर्शन और भारतीय राजनीति पढाने वाले नारायण ए ने कहा कि हो सकता है कि जाति ध्रुवीकरण ने सिद्धरमैया को चिंतित कर दिया हो और इसके कारण वह बदामी से भी चुनाव लड़ रहे हों क्योंकि इस सीट पर कुरूबा मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। उन्होंने कहा, ‘‘वरना एक ऐसे चुनाव में जहां वह मोर्चा संभाले हुए हैं और पूरे राज्य में यात्रा कर रहे हैं, उन्हें दो सीटों से चुनाव लड़ने में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए।’’
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