संवेदनाओं के झरने का मार्मिक दस्तावेज है ''डेबिट क्रेडिट'' (पुस्तक समीक्षा)

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दीपक गिरकर । Oct 11 2018 2:35PM

`डेबिट क्रेडिट` ब्रजेश कानूनगो का पहला उपन्यास है। इसके पूर्व इनके तीन व्यंग्य संग्रह, चार कविता संग्रह, एक छोटी-बड़ी कहानियों का संग्रह और दो बाल साहित्य पर पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

`डेबिट क्रेडिट` ब्रजेश कानूनगो का पहला उपन्यास है। इसके पूर्व इनके तीन व्यंग्य संग्रह, चार कविता संग्रह, एक छोटी-बड़ी कहानियों का संग्रह और दो बाल साहित्य पर पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। यह उपन्यास लेखक के जीवन की स्मृतियों, घटनाओं और संस्मरणों का मार्मिक गुलदस्ता है। यह उपन्यास आम उपन्यासों से अलग है। इस पुस्तक में कहानी और संस्मरणों की श्रृंखला फ्लैश बेक में चलती है। उपन्यास का नायक बकुलेश एक संवेदनशील युवक है, जो एक कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और बैंककर्मी के रूप में जीवन के उतार-चढ़ाव, सुख-दुःख और खट्टे-मीठे आस्वाद को अभिव्यक्त करने के साथ जीवन शैली में आये अकेलेपन और निराशा के बीच आनन्द की कुछ अनुभूतियों को सहेजने का प्रयास करता है।

नायक बकुलेश का जीवन चुनौतीपूर्ण रहा और उसने व्यवस्था के भीतरी सच को करीब से देखा और अनुभव किया। बकुलेश को अपने जीवन में कई ऐसे पात्र मिले जो यादगार बन गए। उपन्यास के विभिन्न शब्द-चित्र नायक बकुलेश के बचपन से लेकर उसके नौकरीपेशा, रचनाकार और सामाजिक कार्यकर्ता के अपने अनुभवों, स्मृतियों के अलावा तंगबस्ती के बच्चों के कल्याण में किए जाने वाले कार्यों में अपने सरोकारों को भी बेहद दिलचस्प अंदाज में अभिव्यक्त किया है। बैंकों में ट्रेड यूनियन की सकारात्मक भूमिका और उसके संघर्षों को भी इस उपन्यास में प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है।

छोटे बैंकों का बड़े बैंकों में विलय से बैंककर्मियों- ग्राहकों की समस्याएं, बैंककर्मियों के लिए पेंशन सुविधा की लड़ाई तथा इस लड़ाई में सफलता मिलना और साथ ही सरकार की विभिन्न नीतियों से किसान, समाज एवं बैंककर्मियों के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर चिंतन-मनन पूरे उपन्यास में फैला हुआ है। लेखक ने दफ्तरों में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन की विसंगतियों पर रोचक तरीके से व्यंग्यात्मक प्रहार किये हैं। उपन्यास में प्रकृति के सौंदर्य के चित्रण व रोमांचक यात्रा-वृतांत भी है और साथ में लेखक ने अपने जीवन की स्मृतियों को चित्रित करते हुए अपनी कुछ बेहतरीन कविताओं का सार्थक प्रयोग किया है। छब्बीस उपखंडों वाला यह उपन्यास बेहद पठनीय है और पाठक के भीतर संवेदनाओं का झरना प्रवाहित कर देता है।


पुस्तक:  डेबिट क्रेडिट

लेखक:   ब्रजेश क़ानूनगो

प्रकाशक: बोधि प्रकाशन, सी-46, सुदर्शनपुरा, इंडस्ट्रियल एरिया एक्सटेंशन, नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर-302006

मूल्य : 120 रूपए

पेज : 104

-दीपक गिरकर

समीक्षक

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