हिन्दी हिन्दुस्तान (कविता)
कवयित्री प्रतिभा तिवारी ने हिन्दी दिवस पर ''हिन्दी हिन्दुस्तान'' नामक कविता में हिन्दी को आज के परिदृश्य में प्रस्तुत किया है। लेखिका ने साथ ही हिन्दी के विकास के संघर्ष पर भी प्रकाश डाला है।
कवयित्री प्रतिभा तिवारी ने हिन्दी दिवस पर 'हिन्दी हिन्दुस्तान' नामक कविता में हिन्दी को आज के परिदृश्य में प्रस्तुत किया है। लेखिका ने साथ ही हिन्दी के विकास के संघर्ष पर भी प्रकाश डाला है।
हिन्दी के रंग हिन्दुस्तानियों के संग
"हिन्दी हिन्दुस्तान"
हिन्दुस्तान ही नहीं विश्व में
हिन्दी का है अनोखा स्थान
अनेक विद्वानों ने
हिन्दी में अपने विचारों को बांट
बनाया इसे महान
यदि अंग्रेजी "हिन्दुस्तान" कर दिया जाए
तो है कहीं सामंजस्य
"हिन्दी हिन्दुस्तान" का है
अपना एकाकी वर्चस्व
विश्व की मानवजाति
पाने को ख्याति
अपने भावाभिव्यक्ति के लिए
अपनी राष्ट्रभाषा का प्रयोग करती है
इसीलिए हम हिन्दुस्तानियों को
हिन्दी ही गौरवान्वित करती है
हिन्दी हमारे देश में युगों युगों से
रही है, विचार विनिमय का माध्यम
अंग्रेजी फारसी आने पर भी
हिन्दी रखे रही अपना वर्चस्व कायम
हिन्दी करोड़ों हिन्दुस्तानियों के
हृदय से निकलने वाली नदी है
तभी तो विश्व की 6500 भाषाओं में
चौथा स्थान कायम रख सकी है
यह हिन्दी की संघर्षशीलता का पुरस्कार है
हिन्दुस्तानियों की मदद से ही
यह सपना साकार है
प्रत्येक क्षेत्र को हिन्दी
सफलता से करती है निर्देशित
चाहे हो वैज्ञानिक, साहित्यिक
या हो सांस्कृतिक
लगभग आधा से ज्यादा हिन्दुस्तानी
मानते हैं इसे अपनी साहित्यिक भाषा
उनके हृदय और मस्तिष्क की
भूख मिटने की आशा
आकांक्षा, अनुराग, रुदन
और हास्य की परिभाषा
हिन्दी तो हमारे
विकास का साक्षात प्रमाण है
हिन्दी से ही हिन्दुस्तानियों के
चरित्र का निर्माण है
हिन्दुस्तान की ललाट हिन्दी
भाग्य हिन्दी, अस्तित्व हिन्दी
यह हिन्दुस्तान के शिखर पर है
बोलते हैं सभी
चाहे हों बंगाली, मराठी, गुजराती
पंजाबी या सिंधी
हिन्दी की अपनी अलग ही
पहचान है
हिन्दी हिन्दुस्तान का अभिमान है।
-प्रतिभा तिवारी
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