राफेल के आने से हवाओं में हमारी ताकत और बढ़ी है: एयर कोमोडोर मृगेन्द्र सिंह

Air Commodore Mrigendra Singh
दिनेश शुक्ल । Aug 4 2020 11:06PM

व्यक्ति गांव से भी निकल कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। केवल इसके लिए एक दृष्टि की और लगन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की छवि को दृश्य माध्यमों के सहारे बिगाड़ने की जो कोशिश की जा रही थी। उसे लेकर केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है। वह स्वागत योग्य है।

भोपाल। बस्तर टॉक के दूसरे सीजन में बतौर वक्ता शामिल होते हुए एयर कोमोडोर मृगेन्द्र सिंह ने 'वायु शक्ति और मार्गदर्शन' विषय  पर विचार रखते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना में राफेल के आ जाने से हवाओं में हमारी शक्ति और बढ़ी है।हमारी सेना विश्व की अग्रणी सेनाओं में से एक है। जिसमें वायुसेना का अपना महत्व व योगदान है।उन्होंने कहा कि वायु सेना में भर्ती के लिए कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। जिसमें युवा पीढ़ी अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त कर सकते हैं। एनडीए जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में चयनित होकर वायु सेना के अलग-अलग विंग में कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा हवाओं पर हवाओं से बात करने के संकल्प के साथ सतत् जब लगे होते हैं तो जरूर सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि हम विशेष प्रशिक्षण से हमेशा प्रवीण और दक्ष होते हैं। वही वायु सेना में काम करने के बेहतर अवसर है। यह रोजगार नहीं आपको जीवन जीने का एक तरीका और कला देता है।

 

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उन्होंने कहा कि वायु सेना बस्तर इकाई बेहतर काम कर रही है। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यहां आपदाओं व विपत्तियों में वायु सेना की भूमिका बड़ी अहम् है। बस्तर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें एक अवसर देने की जरूरत है। व्यक्ति गांव से भी निकल कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। केवल इसके लिए एक दृष्टि की और लगन की आवश्यकता  होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की छवि को दृश्य माध्यमों के सहारे बिगाड़ने की जो कोशिश की जा रही थी। उसे लेकर केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है। वह स्वागत योग्य है। विषम परिस्थिति में काम करने वाले सैन्य संगठन से जुड़े लोगों के मनोबल पर इस तरह के प्रचार से गलत असर पड़ता था। कोमोडोर सिंह ने कहा कि वायु सेना में बस्तर से जुड़े जांबाज निलेश नयन की चर्चा हमेशा होती रहेगी। उन्होंने 2017 में आतंकवादियों के खिलाफ लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त किया। वह हम सबके लिए गर्व की बात है। उन्हें मरणोपरांत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। जो सेना की तरफ से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।

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