अब तो जागो (कविता)

neta

कवियत्री वीना आडवाणी ने अब जो जागो कविता में कहा कि अब लोगों के दिलों की वेदना को सुनों। चुनाव का खेल अब समाप्त चुका है। जो लोग परेशानी में हैं उनके कष्टों को दूर करने की कोशिश करो।

कवियत्री ने इस कविता के माध्यम से यह बताया है कि चुनाव का खेल अब खत्म हो चुका है। अब मानवता की पुकार सुनों। कवियत्री ने इस कविता में बताया है कि जो लोग तड़प रहे हैं उन्हें बचाने की कोशिश करो।

किसी को मिले नहीं भोजन

जिसे मिले उसके नखरे अपार

कराह उठी देख तस्वीर मैं

कोई सुद्धबुद्ध लो अब सरकार

खेलवा खत्म हुआ चुनाव का

अब तो मानवता की सुनो पुकार

चीख रही दिलों मे वेदना सबकी

जैसे ना हो तुम्हें किसी से सरोकार।

छोड़ो कुर्सी का लालच अब तो

इंसान सुना रहा दर्द है अपार

अपने तड़प रहे अपनों को बचाने 

सियासत खत्म करो अब देखो जख्म अपार।।

बिलख रहे बहुत घरों मे भूखे बच्चे

मां बाप की लाशों से लिपट रो रहे बच्चे

आंखें खोलो देखो मौत का तांडव बिखरा

सरकार अब भी कुर्सी की चाहत मे तू बिखरा।।

- वीना आडवाणी "तन्वी"

नागपुर, महाराष्ट्र

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़