रेड कॉर्पेट और मोदी मेजबान, दुनिया के सबसे ताकतवर लीडर मेहमान, 2023 में भारत मिशन 20-20, जानें पूरा कैलेंडर
पंजाब, हरियाणा, यूपी, असम, आंध्र प्रदेश, बंगाल, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल यानी ये सारे राज्य जी-20 के अलग-अलग इवेंट्स को होस्त करेंगे। दुनिया के 20 देशों की इन सभी राज्यों में इमेज बनेगी। भारत की भी इमेज बनेगी और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत की चौखट पर चीन की आक्रामकता ने वैश्विक भू-राजनीति में उथल-पुथल मचाई और अब भारत कूटनीतिक और सैन्य मोर्चों पर चुनौतियों और अवसरों के साथ 2023 में प्रवेश कर रहा है। जैसा कि भारत इस वर्ष G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर है, दिल्ली दुनिया के सामने आने वाले मुद्दों पर बातचीत को आकार देगी। 2023 का साल भारत और नरेंद्र मोदी दोनों के लिए बहुत खास होने वाला है। हिन्दुस्तान दुनिया के 20 ताकतवर मुल्कों का मेजबान बनेगा। 23 जनवरी से ही पूरी दुनिया की नजर नरेंद्र मोदी पर टिकी होगी। दिसंबर का आखिरी हफ्ता भी बड़ी हलचल वाला है। नरेंद्र मोदी दुनिया में एकलौते ऐसे लीडर हैं, जिनके पास पुतिन का भी फोन आया और जेलेंस्की का भी। रूस और यूक्रेन दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षो ने हॉटलाइन पर मोदी को युद्ध का अपडेट दिया। इसके साथ ही दिसंबर के आखिरी हफ्ते की इंटरनेशनल रेटिंग भी आ गई है। सारी रेटिंग, रैकिंग में इंडिया टॉप फाइव में है।
जी-20 से क्या मिलेगा?
पंजाब, हरियाणा, यूपी, असम, आंध्र प्रदेश, बंगाल, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल यानी ये सारे राज्य जी-20 के अलग-अलग इवेंट्स को होस्त करेंगे। दुनिया के 20 देशों की इन सभी राज्यों में इमेज बनेगी। भारत की भी इमेज बनेगी और इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। जी 20 के सदस्य देशों के डेलीगेट्स अभी से हिन्दुस्तानी रंग में दिखने लगे हैं। हिन्दुस्तान के अलग अलग 56 लोकेशन पर 30 नवंबर 2023 तक जी 20 की 200 से ज्यादा महत्वपूर्ण बैठकें होंगी। 9-10 सितंबर को दिल्ली में हेड ऑफ स्टेट्स की लीडरशिप समिट होगी।
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सबसे बड़ा भव्य प्रोजेक्ट
भारत के सबसे महत्वकांक्षी मिशन का जिक्र करते हुए मोदी ने चुनाव की बात नहीं करते हुए आई बिलिव वी कैन का मंत्र दिया। वैसे तो दुनिया में कई सारे ग्रुप्स हैं। जी 77 है। इसमें भारत भी है। फिलहाल इसकी लीडरशिप पाकिस्तान के पास है। ग्रुप ऑफ फाइव है और इसमें भी भारत शामिल है। फिलहाल ब्राजील के पास इसकी अध्यक्षता है। ग्रुप ऑफ सेवन में भारत नहीं है। लेकिन दुनिया के सबसे अमीर देशों के इस क्लब में भारत को कई सालों से चीफ गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। फिलहाल पूरी दुनिया का फोकस जी 20 पर है। जिसकी अध्यक्षता भारत के पास है।
कब से कब तक | इवेंट का नाम | ट्रैक | मोड/वेन्यू |
9वीं - 11 जनवरी, 2023 | वित्तीय समावेशन के लिए वैश्विक भागीदारी के लिए पहली बैठक | वित्त ट्रैक | कोलकाता |
16 - 17 जनवरी, 2023 | पहली इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप मीटिंग | वित्त ट्रैक | पुणे |
17 - 18 जनवरी, 2023 | इंट्रोडक्टरी डिजिटल इकोनॉमी | शेरपा ट्रैक | वर्चुअल |
18 - 20 जनवरी, 2022 | पहली स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | तिरुवनंतपुरम |
30 - 31 जनवरी, 2023 | पहली अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना कार्य समूह की बैठक | वित्त ट्रैक | चंडीगढ़ |
31 जनवरी - 2 फरवरी, 2023 | पहली शिक्षा कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | चेन्नई |
2 - 4 फरवरी, 2023 | पहली रोजगार कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | जोधपुर |
2 - 3 फरवरी, 2023 | पहली सस्टेनेबल फाइनेंस वर्किंग ग्रुप मीटिंग | वित्त ट्रैक | गुवाहाटी |
5 - 7 फरवरी, 2023 | पहली ऊर्जा कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | बेंगलुरु |
8 - 10 फरवरी, 2023 | पहली पर्यटन कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | कच्छ का रण |
13 - 15 फरवरी, 2023 | पहली कृषि कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | इंदौर |
13 - 15 फरवरी, 2023 | पहला डीईडब्ल्यूजी | शेरपा ट्रैक | लखनऊ |
21 - 22 फरवरी, 2023 | दूसरी वित्त और सेंट्रल बैंक डेप्युटी मीटिंग | वित्त ट्रैक | बेंगलुरु |
23 - 25 फरवरी, 2023 | पहली वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक | वित्त ट्रैक | बेंगलुरु |
23 - 25 फरवरी, 2023 | पहली संस्कृति कार्य समूह की बैठक | शेरपा ट्रैक | खजुराहो |
पश्चिम के साथ संबंध
भारत सस्ता तेल खरीदने और रूस के खिलाफ पश्चिम में शामिल नहीं होने के साथ, दिल्ली को यूरोपीय और अमेरिकी भागीदारों की चिंताओं को दूर करने के लिए काम करना होगा। वास्तव में जी-20 की तैयारियां ऐसा करने का कुछ अवसर प्रदान करेंगी। जैसा कि भारत G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है, 2023 वह वर्ष है जब राजनीति और अर्थशास्त्र कूटनीति के साथ जुड़ेंगे। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत ध्रुवीकृत दुनिया को कैसे नेविगेट करता है और वैश्विक एजेंडे को स्थापित करने में अपनी छाप छोड़ता है - क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के अपने लक्ष्य की दिशा में काम करता है।- अभिनय आकाश
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