पीड़िता के पिता ने कहा, बेटी की हिम्मत से ढोंगी बाबा को मिली सजा
आसाराम को दुराचार के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाने के अदालत के फैसले से खुश होते हुए पीड़िता के पिता ने आज कहा कि बेटी की हिम्मत से ही ‘‘ढोंगी बाबा को उसके किये की सजा मिल सकी।
शाहजहाँपुर। आसाराम को दुराचार के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाने के अदालत के फैसले से खुश होते हुए पीड़िता के पिता ने आज कहा कि बेटी की हिम्मत से ही ‘‘ढोंगी बाबा को उसके किये की सजा मिल सकी।’’ आसाराम को जोधपुर की एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के कुछ देर बाद पीड़िता के पिता पुलिस सुरक्षा में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि हमें पहले से ही न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमारा भरोसा सच साबित हुआ।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी बेटी बहुत हिम्मत वाली है। आज उसकी हिम्मत से ही हम ‘‘इस ढोंगी बाबा को उसके किए की सजा दिला पाए हैं’’। पीड़िता के पिता ने कहा कि हमने लड़ाई जीत ली है। आसाराम जेल में ही रहेगा। हमें अब किसी का डर नहीं है क्योंकि न्यायपालिका और प्रशासन हमारे साथ हैं। हमें प्रशासन तथा शहर के लोगों एवं मीडिया ने पूरा सहयोग किया तभी हम लड़ाई जीत पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अब हमारी मौत भी हो जाती है तब भी हमें कोई गम नहीं होगा क्योंकि हमने अपनी बेटी को न्याय दिला दिया।
आज आसाराम को सजा सुनाये जाने से पहले जब पीड़िता के पिता मीडिया के सामने आए तो उनके चेहरे पर चिंता की रेखाएं साफ झलक रही थीं परंतु जब अदालत से आसाराम को आजीवन कारावास तथा उनके दो सहयोगियों को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई गई तो दोबारा मीडिया के सामने आने पर उनके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी।
दूसरी और आसाराम के रुद्रपुर गांव में बने आश्रम में आज पूरी तरह सन्नाटा है। ग्रामीण बताते हैं कि चार वर्ष पूर्व यहां जब कोई कार्यक्रम होता था तो गाड़ियों की कतार लग जाती थी। पूरे गांव में चहल पहल रहती थी परंतु आज ग्रामीण भी आसाराम को ढोंगी बाबा कहकर बात करने से कतरा रहे हैं। बताया जाता है कि इस घटना से पूर्व शहर में ही आसाराम के हजारों की संख्या में अनुयायी थे परंतु इस मामले के बाद आश्रम की ओर जाने वालों की संख्या कम हो गयी है।
आश्रम में रहने वाला सेवादार दर्शन ने आसाराम को सजा सुनाये जाने पर दुख जताया। इससे पहले अदालत में आसाराम का दोष सिद्ध होने पर मीडिया के सामने आये पीड़िता के पिता ने कहा था, 'हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हमें खुशी है कि न्याय मिला है।' उन्होंने इसके लिए अदालत और मीडिया को धन्यवाद दिया। पिता ने कहा कि पिछले चार साल के दौरान हमारा घर से निकलना बंद हो गया था। हम अपने घर में ही कैद होकर रह गए थे। आज जब अदालत से आसाराम को दोषी ठहरा दिया गया तो कलेजे को ठंडक पहुंची है।
अदालत के फैसले के पूर्व यहां के प्रशासन ने शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी थी। इसके अलावा पीड़िता के घर पर भी भारी बल तैनात किया गया था। प्रशासन ने शहर में रह रहे आसाराम के अनुयायियों पर भी पूरी निगाह रखी तथा शहर से दो किलोमीटर दूर रुद्रपुर गांव स्थित आसाराम के आश्रम पर भी भारी पुलिस बल तैनात है।
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