‘‘दिल्ली का सरकारी तंत्र’’ किसान और गांव विरोधी: नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि ‘‘दिल्ली में सरकारी तंत्र’’ की मानसकिता ही किसान और गांव विरोधी है। उनकी यह टिप्पणी ‘‘खेती के संकट’’ के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा सरकार पर लगातार हमला बोले जाने की पृष्ठभूमि में आयी है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि ‘‘दिल्ली में सरकारी तंत्र’’ की मानसकिता ही किसान और गांव विरोधी है। उनकी यह टिप्पणी ‘‘खेती के संकट’’ के मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा सरकार पर लगातार हमला बोले जाने की पृष्ठभूमि में आयी है। गडकरी ने एक किताब के विमोचन के मौके पर कृषि से जुड़े विभिन्न मुद्दों की चर्चा की और कहा कि मुद्रास्फीति के घटने से कृषि उत्पादों की कीमतों में कमी आयी है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वह अफसोस के साथ कहते हैं कि दिल्ली में जो सिस्टम है, उसकी मानसकिता किसान और गांव विरोधी है, ऐसा उन्हें लगता है। जब उनसे अपनी टिप्पणी स्पष्ट करने को कहा गया, तब उन्होंने कहा कि उनकी बात की ‘‘राजनीतिक ढंग से गलत व्याख्या’’ नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यह रेखांकित करना चाह रहे थे कि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य के बीच संतुलन होना चाहिए। इसके पहले उन्होंने जल की उत्पादकता और भारतीय फसलों पर केंद्रित एक पुस्तक का विमोचन किया। कैबिनेट की कल की बैठक में अधिकारियों द्वारा खाद्य मुद्रास्फीति पर दिए गए प्रस्तुतीकरण का जिक्र किया और कहा कि वह किसानों को लेकर चिंतित हैं क्योंकि मुद्रास्फीति में कमी के साथ ही फसलों की कीमत भी कम हो गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘इनको सस्ता हुआ पर हमारा क्या होगा, किसानों का। बैंड बाजा बज गया पूरा।’’
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