''तीन तलाक पर कानून बनने के बाद कोई मुस्लिम बच्ची खौफ में नहीं जिएगी''

''No Muslim child will live in horror after law on three divorces''

खान ने प्रस्तावित कानून का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि अगर 1986 में भी देश में ऐसा नेतृत्व होता तो आज देश की सियासत और मुसलमानों की स्थिति कुछ और होती।

नयी दिल्ली। शाह बानो प्रकरण के समय कांग्रेस से अलग होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने तीन तलाक विरोधी प्रस्तावित कानून को लेकर मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा है कि इस कानून के अमल में आने के बाद भारत की कोई भी मुस्लिम लड़की खौफ में नहीं जिएगी। खान ने प्रस्तावित कानून का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि अगर 1986 में भी देश में ऐसा नेतृत्व होता तो आज देश की सियासत और मुसलमानों की स्थिति कुछ और होती।

लोकसभा में बीते गुरुवार को ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम-2017’ को पारित किया गया और अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। खान ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘मुस्लिम समाज में लड़कियों के दिमाग में बचपन से एक तरह का खौफ पैदा किया जाता रहा है। मां कहती है कि बेटी तमीज से रहो, वरना पति के साथ तुम्हारा गुजारा नहीं होगा और वह कभी भी तुम्हे घर से बाहर निकाल देगा। इसकी कल्पना नहीं की जा सकती कि बच्ची को किस तरह के खौफ में जीना पड़ता है। कानून बन जाने के बाद इस देश की कोई भी मुस्लिम बच्ची खौफ में नहीं जिएगी।’’ खान का कहना है कि बीते छह अक्तूबर को उन्होंने कानून की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और उनका जवाब भी आया तथा कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने उनसे मुलाकात कर इस मामले के कई पहलुओं की जानकारी हासिल की।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी तीन तलाक के बहुत सारे मामले सामने आए। इसी तरह का एक मामला बहराइच से आया। इसके बाद मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रगुजार हूं कि इन्होंने इतना जल्दी यह ऐतिहासिक कदम उठाया। इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है।’’ गौरतलब है कि बीते 22 अगस्त को उच्चतम न्यायालय ने तलाक-ए-बिद्दत को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया था। फैसले के बाद सरकार ने कानून की जरूरत नहीं होने के संकेत दिए, लेकिन तीन तलाक के मामलों का सिलसिला जारी रहने के बाद कानून बनाने का निर्णय हुआ।

खान 30 साल पहले के शाह बानो प्रकरण को याद करते हुए कहते हैं, ‘‘अगर उस वक्त भी देश में ऐसा नेतृत्व (मोदी सरकार) होता तो आज देश की सियासत और मुसलमानों की स्थिति कुछ और होती। देश का मुसलमान आज बहुत आगे होता।’’ विधेयक का विरोध नहीं करने को लेकर कांग्रेस और ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए खान ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस को मुबारकबाद देना चाहूंगा कि उन्होंने इस विधेयक का समर्थन किया। ममता बनर्जी की तारीफ होनी चाहिए।’’ इस पूरे मुद्दे को लेकर भावनात्मक रुख रखने वाले खान ने कहा, ‘‘कानून बनने के बाद जिंदगी में मेरी कोई ख्वाहिश अधूरी नहीं रह जाएगी। मेरे जीते जी यह सब हो गया, मेरे लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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