उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 113 नये मामले, आंकड़ा 1986 पहुंचा
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. विकासेंदु अग्रवाल द्वारा सोमवार शाम जारी बयान में कहा गया, सोमवार को 113 नये कोरोना संक्रमित मामले प्रकाश में आयें इस तरह प्रदेश के 60 जिलों में संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 1986 हो गयी है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सोमवार को कोरोना संक्रमित 113 नये मामले सामने आये, इस तरह उप्र में कोविड-19 से संक्रमित रोगियों की संख्या 1986 पर पहुंच गयी। एक व्यक्ति की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 31 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. विकासेंदु अग्रवाल द्वारा सोमवार शाम जारी बयान में कहा गया, सोमवार को 113 नये कोरोना संक्रमित मामले प्रकाश में आयें इस तरह प्रदेश के 60 जिलों में संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 1986 हो गयी है।
बयान के मुताबिक सोमवार को श्रावस्ती जिले में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत हुई है। उन्होंने बताया सबसे ज्यादा संक्रमित मामले कानपुर नगर से 27, फिरोजाबाद से 17, गौतमबुद्धनगर से 16, आगरा-बुलंदशहर से 12-12 तथा 10 अलीगढ़ से है। प्रदेश में अभी तक तब्लीगी जमात और उनके संपर्क में आकर संक्रमित होने वालो की संख्या 1089 है। इससे पहले प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि प्रदेश में अभी तक कुल 399 लोग उपचारित होकर घर जा चुके हैं जबकि 31 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गयी है। प्रसाद ने बताया कि मेडिकल इन्फेक्शन रोकने के लिए जनपद स्तर पर समिति बनायी जा रही है। आदेश जारी कर दिया गया है।कल शाम से #COVID19 के 113 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं; कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या1986 हो गई है, 399 रोगियों को अब तक ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है: स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/tUsUNlkWA0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2020
इसे भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी को लेकर PM मोदी को UP के हालात से कराया अवगत
समिति अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में काम करेगी। उन्होंने कहा कि संक्रमण को छिपाने की आवश्यकता नहीं है। अगर सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार के लक्षण आ रहे हों तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर जांच करायें। प्रमुख सचिव ने कहा, अगर समय से पता चल जाए तो किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं होती। ऐसा देखने में आया है कि जहां तबियत ज्यादा खराब हुई या मौत हुई, वहां या तो व्यक्ति को पहले से कोई गंभीर बीमारी थी या फिर वे देर से अस्पताल आये।अन्य न्यूज़