12 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को लिखा खत, मुफ्त वैक्सीनेशन और सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने की मांग की

Pm modi
अंकित सिंह । May 12 2021 7:14AM

बारह विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नि:शुल्क व्यापक कोविड रोधी टीकाकरण करने, सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने की मांग की।

देश में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच 12 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। विपक्षी दलों द्वारा लिखे खत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुफ्त कोरोना वैक्सीनेशन के साथ-साथ सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने की मांग की गई है। बारह विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नि:शुल्क व्यापक कोविड रोधी टीकाकरण करने, सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने की मांग की।

12 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि सभी बेरोजगार लोगों को छह हजार रुपये प्रति महीने दीजिए, जरूरतमंदों को नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराएं। लाखों ‘अन्नदाताओं’ को महामारी की चपेट में आने से बचाने के लिए नए कृषि कानूनों को निरस्त कीजिए। 

प्रमुख विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से कहा: सभी स्रोतों से टीका खरीदा जाए, हर नागरिक का मुफ्त टीकाकरण हो

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा समेत 12प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने कोरोना महामारी की गंभीर स्थिति को लेकर बुधवार को चिंता जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि केंद्र सरकार वैश्विक एवं घरेलू स्तर के सभी स्रोतों से टीकों की खरीद करे तथा देश के सभी नागरिकों को मुफ्त में टीका लगाया जाए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इन नेताओं ने सभी देशवासियों को मुफ्त में टीका लगाने की व्यवस्था करने, सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोककर इसका पैसा टीकाकरण के लिए इस्तेमाल करने, तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने, ‘पीएम केयर्स’ कोष की पूरी राशि का इस्तेमाल जरूरी चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए करने और सभी बेरोजगार लोगों को प्रति माह 6,000 रुपये प्रदान की मांग भी की है। कांग्रेस की तरफ से सोनिया और जनता दल (एस) की तरफ से देवगौड़ा के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह पत्र लिखा है। 

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इनके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, भाकपा महासचिव डी राजा और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी भी यह साझा पत्र भेजने वाले नेताओं में शामिल हैं। इन नेताओं ने पत्र में कहा, ‘‘देश में कोरोना महामारी अप्रत्याशित स्तर के मानवीय संकट का रूप ले चुकी है। हमने अतीत में भी आपका ध्यान उन कदमों की ओर खींचा जिन्हें केंद्र सरकार की ओर से उठाया जाना और लागू किया जाना जरूरी है। दुर्भाग्यवश आपकी सरकार ने सभी सुझावों को नजरंदाज कर दिया या फिर मानने से इनकार कर दिया। इस तरह से स्थिति भयावह मानवीय त्रासदी की तरफ बढ़ गई।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, ‘‘केंद्र के स्तर पर वैश्विक और घरेलू सभी उपलब्ध स्रोतों से टीकों की खरीद की जाए। तत्काल पूरे देश में सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण की शुरुआत की जाए। टीकों के घरेलू निर्माण को बढ़ाने के लिए जरूरी लाइसेंस दिए जाएं।’’ 

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विपक्षी नेताओं ने यह मांग भी की, ‘‘बजट में आवंटित 35,000 करोड़ रुपये टीके के लिए खर्च किए जाएं। सेंट्रल विस्टा परियोजना पर रोक लगाई जाए। इसके लिए तय राशि का इस्तेमाल ऑक्सीजन और टीके की खरीद में किया जाए। बिना लेखा-जोखा वाले ट्रस्ट फंड ‘पीएम केयर्स’ में मौजूद सारी राशि का इस्तेमाल टीके, ऑक्सीजन और जरूरी चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए किया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी बेरोजगार लोगों को 6,000 रुपये महीने दिए जाएं। जरूरतमंद लोगों को केंद्र सरकार के अन्न गोदामों से अनाज मुहैया कराया जाए। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए ताकि लाखों अन्नदाता महामारी से बच सकें और भारतीय नागरिकों को खिलाने के लिए अन्न पैदा कर सकें।’’ विपक्ष के प्रमुख नेताओं ने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि भारत और हमारी जनता के हित में इन सुझावों को आपकी तरफ से सराहा जाएगा।

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