Prabhasakshi NewsRoom I अमित शाह ने यूपी में दिया 300+ सीटों का नारा । ट्रेनों का किराया घटने से रेलयात्री खुश

amit shah

भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अमित शाह के कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों एवं अध्यक्षों, सभी जिला अध्यक्षों एवं जिला प्रभारियों, क्षेत्रीय अध्यक्षों एवं क्षेत्रीय प्रभारियों की बैठक आयोजित की गयी थी।

नमस्कार। न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की तैयारियों की शुरुआत करते हुए और हर पार्टी पदाधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बार 300 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पार्टी की एक संगठनात्मक बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा मिलकर भी भाजपा को नहीं हरा सकते। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 300 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘बूथ जीता-चुनाव जीता' का संकल्प भी दिलाया।

भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अमित शाह के कार्यक्रम का ब्यौरा देते हुए पत्रकारों को बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों एवं अध्यक्षों, सभी जिला अध्यक्षों एवं जिला प्रभारियों, क्षेत्रीय अध्यक्षों एवं क्षेत्रीय प्रभारियों की बैठक आयोजित की गयी थी। बैठक में अमित शाह ने 2022 में 300 से अधिक सीटों पर जीत की रणनीति तय की और विधानसभा प्रभारियों को जिम्मेदारियों की बारीकी की जानकारी दी। स्वतंत्र देव ने बताया कि अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश एवं प्रदेश में भय एवं भ्रष्टाचार मुक्त शासन दिया है। बैठक में अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में भाजपा की जीत कार्यकर्ताओं के दम पर होगी और कार्यकर्ता जनता का आशीर्वाद लेकर चुनाव जीतेंगे।

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उन्होंने बताया कि अमित शाह ने 'बूथ जीता, तो उत्तर प्रदेश जीता' का संकल्प दिलाया। प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के मुताबिक, बैठक में सदस्यता अभियान, लोक संपर्क तथा अधिक से अधिक सदस्य बनाने पर बल दिया गया। स्वतंत्र देव के मुताबिक अमित शाह ने यह भी कहा कि मोदी जी ने सभी प्रश्नों का जवाब देते हुए भव्य राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया और काशी विश्वनाथ गलियारे का निर्माण किया।

हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होंगे। राज्य में 403 विधानसभा क्षेत्र हैं और पिछले दिनों लखनऊ में अमित शाह ने 300 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रक्षा था। उल्लेखनीय है कि अमित शाह के पार्टी के उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी रहते हुए 2014 के लोकसभा चुनाव तथा उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में उल्लेखनीय सफलता हासिल की।

अमित शाह ने वाराणसी में संगठनात्मक बैठक को संबोधित कर उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डॉक्टर दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह, भाजपा उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश मामलों के प्रभारी राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री एवं चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल, उत्तर प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव प्रभारी और अध्यक्ष, भाजपा की 98 जिला संगठनात्मक इकाइयों के अध्यक्ष और प्रभारी तथा प्रदेश संगठन के पदाधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में संगठन की कार्यशैली और चुनाव के अन्य एजेंडों पर चर्चा हुई।

काल भैरव मंदिर में आरती

इसके अलावा आज सुबह केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने महादेव की नगरी काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव जी के दर्शन कर आरती की। इस दौरान अमित शाह के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान भी उपस्थित थे।

शी चिनफिंग कैसे बने खेवनहार?

चीन की सत्तारुढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अपना ‘खेवनहार’ बताते हुए उनकी सराहना करते हुए कहा है कि वह पार्टी को मजबूत नेतृत्व देने वाले नेता के तौर पर उभरे हैं तथा राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी हैं। शी, राष्ट्रपति पद पर रिकार्ड तीसरे कार्यकाल की तैयारी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि खेवनहार का दर्जा पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग को ही अब तक प्राप्त था। सीपीसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी प्रहार किया और कहा कि लोकतंत्र पर अमेरिका या पश्चिमी देशों का ‘विशेष पेटेंट’ नहीं है।

मुख्य नेता के तौर पर शी का दर्जा बढ़ाने के पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए शुक्रवार को सीपीसी के नीति अनुसंधान के निदेशक जियान जिनकुआन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1.4 अरब की आबादी वाले देश में यदि पार्टी का एक मुख्य नेता नहीं होता तो यह अकल्पनीय होता। हम आपको बता दें कि राष्ट्रपति शी (68) सीपीसी के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष भी हैं। बृहस्पतिवार को संपन्न हुई चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की चार दिवसीय पूर्ण बैठक में देश के राजनीतिक इतिहास में चिनफिंग के मुख्य नेता के दर्जे को पुख्ता करते हुए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही अगले साल राष्ट्रपति चिनफिंग के रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए भी रास्ता साफ कर दिया गया है। जियान जिनकुआन ने कहा कि चिनफिंग 'पार्टी के मुख्य, जन नेता और सेना के कमांडर के रूप में बेहद योग्य हैं। उनका नेतृत्व समय की पुकार, इतिहास की पसंद और लोगों की आकांक्षा है। वह पार्टी को मजबूती से थामे हुए हैं। वह देश की रीढ़ हैं।' 

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जियान ने कहा, 'लोकतंत्र पर पश्चिमी देशों का कोई विशेष एकाधिकार नहीं है। केवल पश्चिमी देश इसे परिभाषित या निर्धारित नहीं कर सकते। पश्चिम का चुनावी लोकतंत्र वास्तव में पूंजी द्वारा शासित है और यह वास्तविक लोकतंत्र का नहीं बल्कि अमीरों का खेल है। दुनिया के लोकतांत्रिक मॉडल एक जैसे नहीं हो सकते। यहां तक कि लोकतंत्र के पश्चिमी स्वरूप भी पूरी तरह से समान नहीं हैं।'

वार्ता करेंगे बाइडन और शी

वहीं दूसरी ओर, जहां चीन अमेरिका और पश्चिमी लोकतंत्र की आलोचना कर रहा है तो उसी बीच खबर आई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग दोनों देशों के बीच जारी प्रतिस्पर्धा को ‘‘जिम्मेदारी से प्रबंधित’’ करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक डिजिटल शिखर बैठक करेंगे। यह घोषणा व्हाइट हाउस ने की है। अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने कहा था कि वे चीन के साथ वर्ष के अंत से पहले बाइडन और शी के बीच एक डिजिटल बैठक आयोजित करने को लेकर एक संभावित सहमति पर पहुंच गए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, ‘‘सोमवार, 15 नवंबर की शाम को वाशिंगटन, डीसी में राष्ट्रपति जो बाइडन पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ डिजिटल तरीके से बैठक करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेता नौ सितंबर के फोन कॉल के बाद, अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। साथ ही साझे हितों पर मिलकर काम करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।’’ साकी ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरी बैठक के दौरान, राष्ट्रपति बाइडन अमेरिका के इरादों और प्राथमिकताओं को स्पष्ट करेंगे और चीन के साथ हमारी चिंताओं को स्पष्ट करेंगे।’’ उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों में अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ा है। देखना होगा कि क्या इस वार्ता से तनाव कुछ कम हो पाता है।

रेल यात्री कृपया ध्यान दें

किराये में वृद्धि पर यात्रियों के दबाव का सामना करने के बाद रेलवे ने मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए ‘विशेष’ टैग हटाने तथा महामारी से पहले के किराये पर तत्काल प्रभाव से लौटने का एक आदेश जारी किया है। जबसे कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में ढील दी गई थी, रेलवे केवल विशेष ट्रेनें चला रहा है। इसकी शुरुआत लंबी दूरी की ट्रेनों से हुई थी और अब, यहां तक कि कम दूरी की यात्री सेवाओं को "थोड़ा अधिक किराए" वाली विशेष ट्रेनों के रूप में चलाया जा रहा है ताकि "लोगों को परिहार्य यात्रा से हतोत्साहित" किया जा सके। रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को जोनल रेलवे को लिखे पत्र में कहा कि ट्रेनें अब अपने नियमित नंबर के साथ परिचालित की जाएंगी और किराया कोविड पूर्व दर जैसा सामान्य हो जाएगा।

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बोर्ड के 12 नवंबर की तारीख वाले आदेश में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सभी नियमित मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें एमएसपीसी (मेल/एक्सप्रेस स्पेशल) और एचएसपी (होलीडे स्पेशल) के रूप में चलाई जा रही है। अब यह फैसला किया गया है कि वर्किंग टाइम टेबल, 2021 में शामिल सहित एमएसपीसी और एचएसपी ट्रेन सेवाएं नियमित नंबर के साथ परिचालित की जाएगी और किराया दिशानिर्देशों के मुताबिक, यात्रा के लिए संबद्ध वर्ग व ट्रेन के प्रकार पर आधारित होगा। आदेश में कहा गया है कि यह रेलवे बोर्ड के यात्री विपणन निदेशालय के सहयोग से जारी किया गया है। हालांकि, आदेश में यह नहीं बताया गया है कि जोनल रेलवे को कोविड पूर्व अपनी सेवाएं कब बहाल करने की जरूरत है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जोनल रेलवे को निर्देश जारी किया गया है। हालांकि, तत्काल प्रभाव से जारी आदेश की तामील में एक या दो दिन लग सकता है।’’ एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘अगले कुछ दिनों में 1,700 से अधिक ट्रेनें बहाल की जाएंगी। ट्रेन नंबर का पहला अंक शून्य (जीरो) नहीं होगा जैसा कि स्पेशल ट्रेनों के मामले में था।’’ हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगाये गये प्रतिबंध प्रभावी रहेंगे, जैसे कि रियायत, बेड रोल (बिस्तर) और भोजन सेवाएं आदि पर पर अस्थायी प्रतिबंध जारी रहेगा। विशष ट्रेनों के परिचालन और किराये में रियायत नहीं देने से रेलवे के राजस्व में भी काफी वृद्धि देखी गई है। रेलवे ने यात्री मद से 2021-2022 की दूसरी तिमाही के दौरान पहली तिमाही की तुलना में 113 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता अब भी खराब

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में रही और इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 473 रहा। राष्ट्रीय राधानी से सटे नोएडा और गुरुग्राम में एक्यूआई क्रमश: 587 और 557 दर्ज किया गया। दिल्ली में सुबह दस बजे एक्यूआई 473 रहा। लोधी रोड, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, पूसा रोड और दिल्ली हवाई अड्डे पर एक्यूआई क्रमश: 489, 466, 474, 480 और 504 रहा। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को “अच्छा”, 51 से 100 के बीच में “संतोषजनक”, 101 से 200 के बीच “मध्यम”, 201 से 300 तक “खराब”, 301 से 400 के बीच में “बेहद खराब” तथा 401 से 500 के बीच “गंभीर” माना जाता है। प्राधिकारियों ने लोगों को घरों से बाहर जाने से बचने की सलाह दी और सरकारी और निजी कार्यालयों को राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण वाहनों के उपयोग को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया।

चार हजार से अधिक खेतों में पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली के प्रदूषण में शुक्रवार को इसका योगदान 35 प्रतिशत रहा और अपराह्न चार बजे तक 24 घंटे के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर 471 दर्ज किया गया। एक्यूआई बृहस्पतिवार को 411 था। ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) पर एक उप समिति के अनुसार 18 नवंबर तक प्रदूषकों के फैलने के लिए मौसम संबंधी स्थितियां अत्यधिक प्रतिकूल रहेंगी और संबंधित एजेंसियों को ‘आपात’ श्रेणी के तहत कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए।

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