हिंसा प्रभावित दक्षिण सूडान से 156 लोग भारत लौटे
युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान से नौ महिलाओं और तीन बच्चों सहित 156 नागरिकों का पहला जत्था आज वायु सेना के एक विमान से भारत पहुंचा।
तिरूवनंतपुरम-नयी दिल्ली। युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान से नौ महिलाओं और तीन बच्चों सहित 156 नागरिकों का पहला जत्था आज वायु सेना के एक विमान से भारत पहुंचा। दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा से सी-17 विमान में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के साथ दो नेपाली नागरिकों सहित कुल 156 लोग पहले तो तिरूवनंतपुरम पहुंचे जहां से केरल और तमिलनाडु के लोग उतर गए। इसके बाद विमान दिल्ली के लिए रवाना हो गया। भारतीय वायु सेना का विमान आज सुबह दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज ट्वीट किया ‘‘दक्षिण सूडान से आई उड़ान दिल्ली में उतरी। हवाई अड्डे पर उनकी (दक्षिण सूडान से लौटे लोगों की) अगवानी करने के लिए मेरे सहयोगी विजय गोयल मौजूद हैं।’’ एक अन्य ट्वीट में सुषमा ने कहा ‘‘मैं युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान से हमारे भाइयों और बहनों की सुरक्षित वापसी पर उनका स्वागत करती हूं। संकट की इस घड़ी में हमारा देश हमेशा आपके साथ है।’’ भारतीय नागरिकों को युद्ध प्रभावित देश से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सुषमा ने भारतीय वायु सेना और इसके अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। विदेश मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा ‘‘इस मिशन को अंजाम देने के लिए भारतीय वायु सेना और इसके बहादुर अधिकारियों के प्रति हम हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।’’ उन्होंने आगे ट्वीट किया ‘‘मैं, मेरे विदेश मंत्रालय के अधिकारियों, दक्षिण सूडान में भारतीय राजदूत और उनकी टीम की उनके अति सजग कार्य के लिए सराहना करती हूं।’’
जुबा में 550 से अधिक भारतीय हैं तथा 150 भारतीय उन जगहों पर हैं जहां तेल के कुएं स्थित हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा था कि उन सभी भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने का लक्ष्य है जिन्होंने वहां से हटने की इच्छा जाहिर की है। कई भारतीयों ने जुबा में हालात बिगड़ने के बाद दक्षिण सूडान से भारत आने के लिए विदेश मंत्रालय में पंजीकरण करा लिया था लेकिन मुश्किल तब हुई जब इन लोगों ने वहां से हटने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा बार बार ट्विटर पर अपील किए जाने के बावजूद लौटने से मना कर दिया। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने तिरूवनंतपुरम हवाई अड्डे पर संवाददाताओं को बताया ‘‘हमारे साथ 156 लोग आए हैं। करीब 30 से 40 लोगों ने उस समय अपना टिकट आरक्षित करा लिया था जब वाणिज्यिक उड़ानें शुरू हुई थीं। 300 लोगों ने अपने कारोबारी कारणों और अन्य गतिविधियों के चलते आने के प्रति अनिच्छा जताई। जिन लोगों को वहां से सुरक्षित निकाला गया है उनमें नौ महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं।’’ जिन लोगों ने वहां से हटने का सरकार का आग्रह अस्वीकार कर दिया उनके बारे में सिंह ने कहा ‘‘हमने उन्हें समझाने की कोशिश की। मुझे लगता है कि उनके लिए कारोबार पहले और जान की फिक्र बाद में है...।’’
विदेश राज्य मंत्री ने बताया, ‘‘जुबा और इसके बाहरी इलाकों में लड़ाई शुरू होने के बाद हमारा उद्देश्य खतरे में पड़े अपने लोगों को वहां से सुरक्षित बाहर निकालना था। हमारी सूचना के अनुसार, जुबा में 550 से अधिक और आसपास के उन इलाकों में अन्य 150 भारतीय हैं, जहां तेल के कुएं हैं।’’ सिंह के अनुसार, उन्होंने सूडान के उप राष्ट्रपति से मुलाकात की जिन्होंने उन्हें वहां के हालात के बारे में बताया। सी-17 विमान युगांडा होते हुए आया और सिंह ने युगांडा के प्रधानमंत्री रूहाकना रूगुन्दा से भी मुलाकात की जिन्होंने अपनी ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। दक्षिण सूडान में पूर्व विद्रोहियों और सरकार के बलों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में भीषण लड़ाई चल रही है। केरल के बिजली मंत्री कडक्कम्पल्ली सुरेन्द्रन, तिरूवनंतपुरम जिले के कलेक्टर बीजू प्रभाकर आदि ने यहां पहुंचे यात्रियों की अगवानी की।
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