1984 सिख विरोधी दंगे: कोर्ट ने 88 लोगों की दोषसिद्धि को रखा बरकरार
दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने इन लोगों की अपीलों को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति आर के गौबा ने सभी दोषियों को चार सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिये हैं।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में लगभग 88 लोगों को दोषी ठहराये जाने और पांच वर्ष जेल की सजा सुनाये जाने के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा। एक निचली अदालत ने घरों को जलाने और दंगों के दौरान कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए इन लोगों को दोषी ठहराया था।
Delhi High court upholds the conviction of 88 people by the trial court in connection with 1984 anti-Sikh riots in East Delhi's Trilokpuri area. pic.twitter.com/gEEDJbLUnr
— ANI (@ANI) November 28, 2018
दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने इन लोगों की अपीलों को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति आर के गौबा ने सभी दोषियों को चार सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिये हैं।
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पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी क्षेत्र में दंगों, घरों को जलाने और कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए दो नवम्बर, 1984 को गिरफ्तार किये गये 107 लोगों में से 88 लोगों को सत्र अदालत ने 27 अगस्त,1996 को दोषी ठहराया था। दोषियों ने सत्र अदालत के इस फैसले को चुनौती दी थी।
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