1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्र कैद
वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर निर्णय देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बड़ा झटका दिया है। बता दें कि वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर निर्णय देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। सज्जन कुमार पर साजिश और दंगा भड़काने का आरोप भी है। गौरतलब है कि सज्जन कुमार तीन बार लोकसभा सदस्य रहे हैं।
1984 anti-Sikh riots: Delhi High Court convicts Congress leader Sajjan Kumar, reverses the judgement of trial court which acquitted him, earlier. pic.twitter.com/cN94l4NevD
— ANI (@ANI) December 17, 2018
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#UPDATE 1984 anti-Sikh riots: Congress' Sajjan Kumar has been sentenced to life imprisonment. He has to surrender by 31st December, 2018. pic.twitter.com/AWBwnhHrgr
— ANI (@ANI) December 17, 2018
पहले इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किया गया था। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीड़ितों और दोषियों द्वारा दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसैन्य अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और दो अन्य को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या से जुड़े मामले में दोषी ठहराया गया था। निचली अदालत ने इस मामले में सज्जन कुमार को बरी किया था लेकिन खोखर, भागमल और लाल को आजीवन कारावास की जबकि पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को तीन तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
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दोषियेां ने मई 2013 में आए निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। सीबीआई ने भी अपील दायर करते हुए आरोप लगाया था कि वे सुनियोजित सांप्रदायिक दंगे और धार्मिक रूप से सफाया करने में संलिप्त थे। एजेंसी और पीड़ितों ने कुमार को बरी किये जाने के खिलाफ भी अपील दायर की थी।
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