अयोध्या पहुँचे दो लाख से ज्यादा रामभक्त, उद्धव करेंगे सरयू तट पर आरती, प्रशासन सतर्क

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अयोध्या में बढ़ती राम भक्तों की भीड़ को लेकर प्रशासन सतर्क है क्योंकि अलपसंख्यकों की शिकायत है कि उन्हें भय सता रहा है। इस बीच बढ़ते विवादित बयानों ने भी सरगर्मी बढ़ा दी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज शाम 5.15 पर सरयू तट पर आरती करेंगे।

अयोध्या। अयोध्या में बढ़ती राम भक्तों की भीड़ को लेकर प्रशासन सतर्क है क्योंकि अलपसंख्यकों की शिकायत है कि उन्हें भय सता रहा है। इस बीच बढ़ते विवादित बयानों ने भी सरगर्मी बढ़ा दी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज शाम 5.15 पर सरयू तट पर आरती करेंगे और कल सुबह रामलला के दर्शन करेंगे। बताया जा रहा है कि विभिन्न ट्रेनों से अयोध्या में अब तक दो लाख रामभक्त पहुँच चुके हैं।

उधर, अयोध्या में 25 नवंबर को विश्व हिन्दू परिषद के धर्म संसद कार्यक्रम के तहत राज्य पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। शुक्रवार को लखनऊ में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अयोध्या में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, तीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 क्षेत्राधिकारी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबिल, पीएसी की 42 कंपनी, आरएएफ की पांच कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एटीएस के कमांडो और ड्रोन कैमरे भी निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं।

शिवसेना भी तैयारी में

शिवसेना के आयोजन को लेकर भी काफी गहमागहमी है क्योंकि इसमें पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे भी भाग लेने के लिए अयोध्या पहुँचे हैं। पार्टी सांसद संजय राउत तैयारियों का जायजा लेने के लिए यहां पहले ही पहुँच गये थे। इस बीच, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये जोर दे रही है क्योंकि चुनाव से पहले भाजपा ने इसका वादा किया था। उन्होंने कहा कि देश के लोगों से वादा किया गया था कि अगर भाजपा केन्द्र में सत्ता में आती है तो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जायेगा। शिवसेना, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा है।

भाजपा नेताओं का बड़बोलापन

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को धर्म सभा के आयोजन से पहले भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर उस दिन संविधान ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा। अपने विवादास्पद बयानों को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले बैरिया क्षेत्र से विधायक सिंह ने कहा, '25 नवंबर 2018 को अयोध्या में जरूरत पड़ी तो 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा। जिस तरह 1992 में संविधान को ताक पर रखकर बाबरी मस्जिद ढहायी गयी थी, आवश्यकता पड़ी तो संविधान को ताक पर रखकर राम मंदिर बनाया जाएगा।' उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री व योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते यदि राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पायेगा। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार में ही राम मंदिर का निर्माण होगा।

मुस्लिम विद्वानों की नजर में सब चुनावी स्टंट

विहिप अयोध्या में धर्म सभा कर 25 नवंबर को राम भक्तों को एकत्र करने जा रही है हालांकि मुसलमान विद्वान इसे चुनावी फायदा हासिल करने के जरिये के रूप में देखते हैं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि यह तय है कि लोकसभा चुनाव से पहले उच्चतम न्यायालय का फैसला नहीं आने वाला है। ऐसे में उक्त प्रयास उन लोगों को साथ एकजुट रखने का है, जिन्होंने राम मंदिर की आस में वोट दिया था। जिलानी ने कहा कि मकसद राजनीतिक है और इसमें कोई शक नहीं है कि 2019 के लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार की जा रही है।

बोर्ड के ही एक अन्य सदस्य खालिद राशिद फरंगीमहली ने कहा कि छोटे से बच्चे को भी पता है कि देश के माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और अगले साल की शुरूआत में होने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा हासिल किया जा सके। फरंगीमहली ने कहा कि सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अयोध्या में आम आदमी की सुरक्षा के लिए मजबूत बंदोबस्त किया जाए ताकि 1992 जैसी घटना की पुनरावृत्ति ना होने पाये। जिलानी ने कहा कि सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। दोनों ही हालांकि महसूस करते हैं कि सरकार और प्रशासन को ना सिर्फ मुसलमान बल्कि अयोध्या के हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। विशेषकर 1992 में जो कुछ हुआ, उसे देखते हुए सुरक्षा इंतजाम करने चाहिए।

राम जन्मभूमि—बाबरी मस्जिद मामले से जुडे इकबाल अंसारी, हाजी महबूब और मोहम्मद उमर ने हाल ही में कहा था कि मुसलमान असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए। अंसारी ने कहा कि विहिप और शिवसेना अयोध्या में बडी संख्या में अपने कार्यकर्ता एकत्र कर रहे हैं, इसलिए यहां का मुसलमान समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है। हम अयोध्या से बाहर भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि मुसलमानों की जान माल की हिफाजत के लिए विशेष बल की तैनाती की जाए।

फैजाबाद के पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने आश्वासन दिया कि मुसलमान समुदाय को पूरी सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। हम प्रस्तावित कार्यक्रमों के दौरान मजबूत सुरक्षा व्यवस्था कर रहे हैं। इस बीच अयोध्या में धर्म संसद की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। विहिप को एक लाख से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है।

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