भारत और रूस के बीच 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता, राजनाथ बोले- यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों का ऐतिहासिक दिन है
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि कोविड-19, पड़ोस में असाधारण सैन्यकरण, उत्तरी सीमा पर अकारण आक्रामकता ने भारत के लिए कई चुनौतियां खड़ी की हैं।
भारत और रूस के बीच पहली बार आज 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से चर्चा की। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस हमारा विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साथी है। हमारे संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि और आपसी समझ और विश्वास में समान रुचि के आधार पर समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और इस क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि कोविड-19, पड़ोस में असाधारण सैन्यकरण, उत्तरी सीमा पर अकारण आक्रामकता ने भारत के लिए कई चुनौतियां खड़ी की हैं। भारत अपने लोगों की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और अंतर्निहित क्षमता के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए आश्वस्त है। राजनाथ सिंह ने भारत की विकास संबंधी जरूरतें बहुत बड़ी हैं और उसकी रक्षा चुनौतियां वास्तविक हैं, जिनसे तत्काल निपटने जाने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा साझेदार बनाना चाहता है जो उसकी अपेक्षाओं एवं आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हो।Delhi | Defence Minister Rajnath Singh and EAM Dr S Jaishankar with Russian Defence Minister General Sergei Shoigu and Russian Foreign Minister Sergey Lavrov at the inaugural India-Russia 2+2 Ministerial Dialogue pic.twitter.com/jH7ZNr5Rw0
— ANI (@ANI) December 6, 2021
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस संबंध बदलती हुई दुनिया में और घनिष्ठ हुए तथा समय की कसौटी पर खरे उतरे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद तथा कट्टरवाद को क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौतियों के रूप में वर्णित किया। इसके साथ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति के मध्य एशिया सहित क्षेत्र में व्यापक परिणाम होंगे। वहीं रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि मुझे विश्वास है कि दोनों देश की एजेंसियां योगदान करेगी ताकि हम क्षेत्रीय विश्वास को बढ़ा सकें और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा को आगे बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि हमारे देशों के संबंध के लिए इस समय सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आज अंतर सरकारी आयोग की बैठक में रक्षा क्षेत्र सहयोग के बारे में रक्षा मंत्री के साथ हमारी विस्तृत चर्चा हुई।
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