मोदी सरकार ने दिया दिवाली का तोहफा, दिल्ली की अनधिकृत कालोनियां होंगी नियमित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
नयी दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की मंजूरी प्रदान करते हुये इन कालोनियों में रह रहे लाखों संपत्ति मालिकों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने का रास्ता साफ कर दिया। पुरी ने स्पष्ट किया कि इस फैसले के दायरे में सरकारी और निजी, दोनों श्रेणियों की जमीन पर बसी अनधिकृत कालोनियों को शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभाव) हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि केन्द्र सरकार के इस फैसले का लाभ दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रह रहे लगभग 40 लाख लोगों को मिलेगा, जिन्हें पिछले कई दशकों से संपत्ति का मालिकाना हक मिलने का इंतजार था।
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पुरी ने स्पष्ट किया कि इस फैसले के दायरे में सरकारी और निजी, दोनों श्रेणियों की जमीन पर बसी अनधिकृत कालोनियों को शामिल किया गया है लेकिन दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर बने फार्म हाऊस, सैनिक फार्म, महरौली एंक्लेव और अनंत राम डेयरी इलाके में बने फार्म हाऊस इस फैसले के दायरे से बाहर होंगे। उल्लेखनीय है कि इन इलाकों में निर्मित फार्म हाऊस के मालिकों को भी अपनी संपत्ति को नियमित कराने की अनुमति मिलने की दरकार है। फार्म हाऊस वाले ये इलाके अनधिकृत होने के कारण इनमें निर्मित फार्म हाऊस भी कानूनी तौर पर नियमित नहीं हो पाये हैं। पुरी ने स्पष्ट किया कि नियमित होने वाली कालोनी में निर्मित संपत्ति के अलावा खाली प्लॉट को भी नियमित कराकर संपत्ति का मालिकाना हक दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इन कालोनियों में आम तौर पर निम्न आयवर्ग के लोग रहते हैं, इसलिये संपत्ति को नियमित करने के लिये मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके तहत सौ वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले भूखंड को नियमित कराने का शुल्क उस क्षेत्र के सर्किल रेट का 0.5 प्रतिशत होगा। इसी प्रकार 100 से 250 वर्गमीटर तक क्षेत्रफल वाले भूखंड के लिये सर्किल रेट का एक प्रतिशत और 250 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंड को नियमित कराने का शुल्क सर्किल रेट का 2.5 प्रतिशत देना होगा। इस शुल्क का भुगतान तीन समान किश्तों में एक साल के भीतर किया जा सकेगा। शुल्क का एकमुश्त भुगतान करने वालों को संपत्ति का मालिकाना हक तत्काल प्रभाव से मिल जायेगा। किश्तों में शुल्क देने वालों को अस्थायी मालिकाना हक दिया जायेगा, भुगतान पूरा होने पर स्वामित्व का स्थायी अधिकार मिलेगा।
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नियमित की जाने वाली कालोनियों में दिल्ली के लगभग 175 वर्ग किमी क्षेत्र में बसी 1797 कालोनियों को चिन्हित किया गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार की तरफ से 1639 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के कई साल पुराने प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने नये सिरे से क्षेत्रवार सर्वेक्षण कर 1797 कालोनियों को नियमित करने का फैसला किया है। इन कालोनियों के नियमित नहीं होने के कारण इनमें बिजली, पानी, सड़क और सीवर सहित अन्य मूलभूत नागरिक सुविधाओं की बहाली में दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था।
पुरी ने कहा कि इस फैसले के बाद अनधिकृत कालोनियों में भूखंड मालिकों को मकान बनवाने के लिये बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इस फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिये सरकार संसद के आगामी सत्र में विधेयक पेश किया जायेगा। मंत्रिमंडल ने अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया निर्धारित करने वाले विधेयक के मसौदा प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि अनधिकृत कालोनियों के सीमांकन की जिम्मेदारी डीडीए को सौंपी गयी है। डीडीए प्रत्येक कालोनी का सीमांकन कर इनके नियमितीकरण की कार्ययोजना (लोकल एरिया प्लान) भी बनायेगा। पुरी ने बताया कि नियमित करने की प्रक्रिया में विलंब शुल्क और अतिरिक्त विकास शुल्क नहीं वसूला जायेगा।
Union Minister Prakash Javadekar: Cabinet has taken historic decision to give ownership rights to 40 lakhs people living in unauthorised colonies in Delhi. pic.twitter.com/ooy8Zy4oYD
— ANI (@ANI) October 23, 2019
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