एम्स के जठरांत्र विभाग के 40 चिकित्साकर्मी खुद पृथक-वास में गए

 AIIMS

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नर्स के संक्रमित होने का पता चलते ही उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान की गई और इसके तहत 40 स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही वार्ड के कुछ मरीजों की भी संक्रमण के लिये जांच की गई।

नयी दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जठरांत्र (गैस्ट्रो) विभाग के डॉक्टरों और नर्सों समेत करीब 40 चिकित्साकर्मियों को, उनके साथ काम कर रहे 30 वर्षीय एक पुरुष नर्स के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद, पृथक-वास में जाने की सलाह दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। नर्स के संक्रमित होने का पता चलते ही उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान की गई और इसके तहत 40 स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही वार्ड के कुछ मरीजों की भी संक्रमण के लिये जांच की गई। 

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एक डॉक्टर ने कहा, “अब तक 22 लोगों की जांच के नतीजे निगेटिव आए हैं जिनमें आईसीयू में भर्ती चार मरीज भी शामिल हैं। अन्य लोगों की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार है।” डॉक्टर के मुताबिक, नर्स को शनिवार को बुखार था और उसने उसी शाम एम्स कर्मचारियों के क्लीनिक में फोन पर डॉक्टर से संपर्क किया था। उसे जांच के लिये सोमवार को आने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा, “सोमवार को उसका अवकाश था अत: वह जांच के लिये बुधवार को आया और बुधवार रात को ही उसके संक्रमित होने का पता चला। सभी को बृहस्पतिवार को इस बारे में पता चला।” 

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पुरुष नर्स यहां छतरपुर इलाके का रहने वाला है और उसका एम्स में इलाज चल रहा है। इससे पहले दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में मेस को अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया गया था क्योंकि मेस से जुड़ी एक आहार विशेषज्ञ कोरोना वायरस से संक्रमित मिली थी। एनएलजेपी अस्पताल दिल्ली का कोविड-19 समर्पित अस्पताल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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