उत्तर प्रदेश में विपक्ष का कोई समीकरण नहीं चलेगाः सुरेश खन्ना
संयुक्त विपक्ष के नये ‘राजनीतिक समीकरण’ की संभावनाओं के बीच मंत्री ने कहा कि नाकाबिल और नकारे जा चुके लोग एक मंच पर आ भी जायें तो इससे प्रदेश की राजनीति पर असर नहीं होगा।
जालंधर। उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में बदले राजनीतिक माहौल में बिहार की तर्ज पर संयुक्त विपक्ष के नये ‘राजनीतिक समीकरण’ की संभावनाओं के बीच राज्य सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि राज्य के सभी नाकाबिल और नकारे जा चुके लोग एक मंच पर आ भी जायें तो इससे उत्तर प्रदेश तथा भाजपा की राजनीति पर कोई असर नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के तीन साल पूरा होने के मौके पर पंजाब में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये उत्तर प्रदेश के शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में विपक्ष का कोई भी समीकरण नहीं चलेगा। वहां केवल भाजपा, मोदी और योगी का समीकरण ही काम करेगा।’’
खन्ना ने कहा, ‘‘सपा, बसपा और कांग्रेस ऐसे विपक्षी दल हैं जिन्हें जनता पूरी तरह नकार चुकी है। कांग्रेस को बहुत पहले नकारा जा चुका है। उप्र की आवाम ने बसपा को 2012 में और सपा को 2017 में नकार दिया है। ऐसे नकारे गए और खारिज किये गए लोग अगर एक मंच पर आ भी जाते हैं तो उत्तर प्रदेश की राजनीति और भारतीय जनता पार्टी पर कोई असर नहीं होगा।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ रहे हैं उनकी असलियत जनता को पता है। आवाम को यह भी पता है कि जो लोग कल तक एक दूसरे खिलाफ बोल रहे थे आज वह एक दूसरे के साथ काम करने को तैयार हैं। यही कारण है कि ऐसे अवसरवादी लोगों को आवाम ने खारिज कर दिया है और साफ सुथरी सरकार देने वाली भाजपा को चुना है।’’
यह पूछने पर कि यह बिहार के भाजपा नेताओं जैसा ‘अतिआत्मविश्वास’ तो नहीं है, उप्र के मंत्री ने बीच में ही कहा, ‘‘हर राज्य की परिस्थिति अलग होती है लेकिन बिहार में अब लोगों को पछतावा हो रहा है कि उन्होंने इस ‘महा अवसरवादी गठबंधन’ को क्यों मौका दिया क्योंकि इसके दुष्परिणाम अब सामने आ रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि बिहार में महागठबंधन के प्रमुख घटक राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद की पटना में होने वाली रैली में बसपा तथा सपा प्रमुख मंच साझा कर सकते हैं और उत्तर प्रदेश में एक नये सियासी समीकरण के कयास लगाये जा रहे हैं। इसी नये राजनीतिक समीकरण के राजनीति पर पड़ने वाले असर के बारे में खन्ना से पूछा गया था। प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के डरे होने वाले कांग्रेस के आरोप के बारे में पूछे जाने पर खन्ना ने कहा, ‘‘जिन लोगों को वहां की जनता पूरी तरह नकार चुकी है.. कभी शासन करने वाली जो कांग्रेस अब सात सीटों तक सिमट गयी है..वह आरोप कैसे लगा सकती है?’’
खन्ना से पूछा गया कि बिजनौर ट्रेन बलात्कार मामले से पीड़िता का इंकार क्या दबाव बनाकर करवाया गया था? इस पर उन्होंने कहा कि नहीं भाजपा के शासन में ऐसा नहीं होता है। जब उनसे पूछा गया कि झूठा आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, मंत्री ने कहा कि ऐसी किसी घटना की उन्हें जानकारी नहीं है। दरअसल, 30 मई को बिजनौर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी के एक कांस्टबेल पर महिला के साथ बलात्कार का आरोप लगा कर यात्रियों ने जमकर हंगामा किया था। बाद में महिला ने भी आरोप लगाया लेकिन अगले ही दिन 31 मई को पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष ऐसी किसी घटना से इंकार कर दिया था। हिजबुल के एक आतंकवादी ने भी अपने भाषण में इस महिला का कथित रूप से जिक्र किया था।
उत्तर प्रदेश में सड़कों की हालत और शहरी विकास के बारे में पूछने पर खन्ना ने कहा, ''जब भाजपा ने सत्ता संभाली तो उत्तर प्रदेश एक बीमारू राज्य था। ढाई महीने में हमने बीमार राज्य को स्वस्थ बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं और इस पर काम किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सबसे पहले राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। राज्य के शहरों और सड़कों की हालत अच्छी नहीं थी लेकिन राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद दर्शनीय बदलाव हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि अगले तीन महीने में राज्य की सड़कें बहुत बेहतर होंगी।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘स्वच्छता अभियान के लिए हम गोवा में चल रही एक परियोजना को उत्तर प्रदेश में लोन की कोशिश कर रहे हैं ताकि ठोस कचरे का प्रबंधन हो सके। गोवा में यह योजना पूरी तरह सफल हुई है और हमारी कोशिश इस परियोजना को वाराणसी, गोरखपुर तथा शाहजहांपुर में शुरू करने की है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘भाजपा सरकार और खास तौर से हमारा विभाग शहरों में ड्रेनेज व्यवस्था को भी दुरूस्त करने में लगे हैं और जल्दी ही इस दिशा में भी बेहतर परिणाम आपको देखने को मिलेंगे।’’
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