केजरीवाल को झटका, मारपीट के जुर्म में AAP विधायक को छह माह की कैद
अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने दत्त पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि दत्त इस घटना से पहले दिल्ली विधानसभा के सदस्य थे और आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे।
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के विधायक सोम दत्त को 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक व्यक्ति पर हमला करने के जुर्म में बृहस्पतिवार को छह माह की कैद की सजा सुनाई और कहा कि उन्होंने एक विधायक के तौर पर एक अपराध की गंभीरता के बारे में जानते हुए यह अपराध किया। अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने दत्त पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने कहा कि दत्त इस घटना से पहले दिल्ली विधानसभा के सदस्य थे और आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे।
A Delhi Court awards 6 months jail to AAP MLA Somdutt for voluntarily causing grievous hurt in a 2015 case.During Delhi Assembly poll campaign he&50 men went to Gulabi Bagh&continuously rang door bell of a Sanjiv Rana's house. When he objected, he was attacked by MLA's supporters
— ANI (@ANI) July 4, 2019
अदालत ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि वह जनप्रतिनिधि हैं। उन्होंने इसकी गंभीरता और नतीजों को जानते हुए इस अपराध को अंजाम दिया।’’ उसने कहा कि यह घटना क्षणिक आवेश में नहीं हुई बल्कि बेस बॉल बैट से पहले से नियोजित हमला था। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दोषी एक विधायक है और इसलिए अपने पद के अनुसार उन्हें कानून का पालन करने वाला नागरिक होना चाहिए था। हम एक समाज के तौर पर ऐसे अपराधों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। शिकायतकर्ता को पैर के अगले भाग की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ जो शरीर का अहम हिस्सा है। इस हमले से उन्हें पहुंचे दर्द और तकलीफ को मैं समझ सकता हूं।’’
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बहरहाल, अदालत ने उन्हें पांच अगस्त, 2019 तक 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। उन्होंने अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की इच्छा जताई। अदालत ने कहा कि जब एक प्रभावशाली व्यक्ति कानून तोड़ता है तो उसके मन में ऐसी धारणा होती है कि वह किसी तरीके से इसे तोड़ सकता है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘लेकिन मामला हमेशा ऐसा नहीं होता। एक सभ्य समाज के लिए कानून का सम्मान पहली शर्त है। न्याय के बिना कानून बगैर इलाज वाला जख्म है।’’ दिल्ली की सदर बाजार विधानसभा सीट से विधायक दत्त को भादंवि की धारा 325 (जानबूझकर बिना किसी उकसावे के चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकने), 147 (दंगा) तथा 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने) के तहत दोषी ठहराया गया था।
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