24 हफ्ते पुराने असामान्य भ्रूण का गर्भपात कराने की इजाजत
उच्चतम न्यायालय ने 24 हफ्ते के अपने असामान्य भ्रूण का गर्भपात कराना चाह रही एक कथित बलात्कार पीड़िता को आज गर्भपात कराने की इजाजत दे दी।
उच्चतम न्यायालय ने 24 हफ्ते के अपने असामान्य भ्रूण का गर्भपात कराना चाह रही एक कथित बलात्कार पीड़िता को आज गर्भपात कराने की इजाजत दे दी। न्यायमूर्ति जेएस खेहर और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने मुंबई के एक अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का अध्ययन किया जिसमें कहा गया था कि गर्भावस्था जारी रहने से मां का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाएगा। पीठ ने मुंबई स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल कॉलेज एवं अस्पताल के सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर विचार किया जिसमें कहा गया था कि भ्रूण में कई गंभीर खराबी है।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की मदद लेने के बाद पीठ ने अपना आदेश पारित किया। रोहतगी ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 में एक प्रावधान है जो गर्भ से मां की जिंदगी को खतरा होने पर 24 हफ्तों के बाद भी गर्भपात कराने की इजाजत देता है। इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘हम याचिकाकर्ता को छूट देते हैं और यदि वह गर्भपात कराना चाहती है तो उसे इसकी अनुमति दी जाती है।’’
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