जातिगत अस्पृश्यता से पैदा हुई विषमता को जल्द खत्म करना होगाः भागवत

Abnormalities arising from caste untouchability must be eliminated soon: Bhagwat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि जातिगत अस्पृश्यता के चलते अपने ही समाज का एक बड़ा वर्ग पिछड़ गया।

जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि जातिगत अस्पृश्यता के चलते अपने ही समाज का एक बड़ा वर्ग पिछड़ गया। उन्होंने कहा कि इस विषमता को हमें जल्द-से-जल्द खत्म करना होगा। शहर के चित्रकूट स्टेडियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ‘स्वर गोविन्दम’ कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि संविधान में कुछ प्रावधान हैं, उन्हें ठीक ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि विषमता समाप्त होने तक पीछे छूट गए लोगों को वो लाभ मिलता रहे, इसको लेकर किसी की राय अलग नहीं है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस का पहले से ही यह मत है, लेकिन केवल व्यवस्था से समता नहीं आती। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि हमने राजनीतिक स्वंतत्रता प्राप्त कर ली है, आर्थिक स्वतंत्रता का प्रावधान संविधान में किया है लेकिन देश में स्वतंत्रता और समता लानी है तो समानता रखनी होगी। हमारा भी मानना है कि बंधुता, समरसता मानवता का रूप है। उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी ताकतों ने कभी राज किया तो वह भारत की कमजोरी की वजह से नहीं बल्कि देश की अंदरूनी लडाई की वजह से किया। भागवत ने कहा कि इस गलती को दोहराया नहीं जाना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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