अकादमिक विद्वान UGC को खत्म करने के केंद्र के कदम से हैं असहमत

Academic scholars disagree with the move of the center to end UGC
[email protected] । Jul 1 2018 5:44PM

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) खत्म कर उसकी जगह नया नियामक निकाय लाने का केंद्र का फैसला अकादमिक विद्वानों को रास नहीं आया है

नयी दिल्ली। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) खत्म कर उसकी जगह नया नियामक निकाय लाने का केंद्र का फैसला अकादमिक विद्वानों को रास नहीं आया है और उन्होंने यह कहते हुए इस पर प्रश्न खड़ा किया है कि नेताओं को अकादमिक विषयों में शामिल नहीं होना चाहिए। पिछले हफ्ते मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी अधिनियम , 1951 को रद्द कर यूजीसी के स्थान पर भारतीय उच्च शिक्षा आयोग लाने की घोषणा की थी। 

मंत्रालय ने मसविदा को सार्वजनिक कर उस पर संबंधित पक्षों की राय मांगी है। मसविदा के अनुसार आयोग पूरी तरह अकादमिक मामलों पर ध्यान देगा एवं मौद्रिक अनुदान मंत्रालय का विषय क्षेत्र होगा। जेएनयू प्रोफेसर आयशा किदवई ने कहा कि नियमों के अनुसार स्पष्ट है कि मंजूरी इस आधार पर नहीं मिलने जा रही है कि किसी खास समय पर विश्वविद्यालय के पास क्या है बल्कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दशक भर के अंदर निर्धारित लक्ष्यों को उसने हासिल किया या नहीं। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद कर सकते हैं कि ये लक्ष्य संसाधन सृजन के बारे में होगा , यानी एक ऐसा बोझ जो निश्चित रुप से फीस के रुप में और भर्ती में कटौती के तौर पर डाली जाएगी तथा इसके लिए इस बात की प्रबल संभावना है कि सभी प्रकार के फालतू लघुकालिक कोर्स शुरु किये जाएं। इसका तात्पर्य शुरु से ही नये और पुराने दोनों ही तरह के विश्वविद्यालयों का केंद्र का फरमान मानना होगा।’’ 

मशहूर अकादमिक जयप्रकाश गांधी ने कहा ,‘‘ नये निकाय का ढांचा इस प्रकार है कि उससे शिक्षा के बारे में फैसलों में राजनीतिक दलों की ज्यादा चलेगी जबकि आदर्श रुप से यह काम शिक्षाविदों और अकादमिक विद्वानों द्वारा होना चाहिए , वे देश को आगे ले जा सकते हैं।’’ कई अन्य विद्वानों ने भी इस कदम का विरोध किया है। 

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार कम सरकार और अधिक शासन , अनुदान संबंधी कार्यों को अलग करना , निरीक्षण राज की समाप्ति, अकादमिक गुणवत्ता, अकादमिक गुणवत्ता मापदंड का अनुपालन कराने की शक्तियां , घटिया एवं फर्जी संस्थानों को बंद करने का आदेश नये उच्च शिक्षा आयोग अधिनियम , 2018 (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का निरसन) के अहम बिंदु हैं। इस नये कानून को 18 जुलाई से शुरु हो रहे मानसून सत्र में संसद में पेश किया जा सकता है। 

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