वोटरों के अनुसार सोनिया के सामने नहीं टिक पा रहे हैं भाजपा उम्मीदवार

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[email protected] । May 4 2019 5:18PM

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सिंह के समर्थन में प्रचार किया है और मतदाताओं को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि क्षेत्र के ‘विकास’ के लिये वे ‘परिवार’ का साथ छोड़ें।

रायबरेली। हाई प्रोफाइल सीट रायबरेली सीट में जहां कांग्रेस से जा कर भाजपा का दामन थामे दिनेश प्रताप सिंह संप्रग अध्यक्ष एवं चार बार की सांसद सोनिया गांधी से टक्कर लेने की कोशिश कर रहे हैं, मतदाताओं का कहना है कि उन्हें यकीन है कि जीत सोनिया गांधी की ही होगी। रायबरेली सीट पर कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी का मुकाबला पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले दिनेश प्रताप सिंह से है। सिंह स्थानीय स्तर पर दबंग नेता रहे हैं। उन्हें भाजपा ने उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अजय अग्रवाल पर तरजीह देते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है। अग्रवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सिंह के समर्थन में प्रचार किया है और मतदाताओं को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि क्षेत्र के ‘विकास’ के लिये वे ‘परिवार’ का साथ छोड़ें। हाल में ही भाजपा में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल रायबरेली में रोड शो करेंगे। रायबरेली में छह मई को मतदान होना है। कभी गांधी परिवार के विश्वासपात्र रहे सिंह ने कांग्रेस को एक परिवार की‘प्राइवेट लिमिटेड कंपनी’ करार दिया। पिछले साल भाजपा में शामिल हुए सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मैंने कांग्रेस इसलिये छोड़ी क्योंकि वह देश की जगह सिर्फ एक परिवार के हितों की पूर्ति कर रही थी। यह गांधी परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है।

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उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से गांधी परिवार के बार-बार जीतने के बावजूद कोई विकास नहीं हुआ है। क्षेत्र के 3.29 लाख परिवार यानी तकरीबन 13.5 लाख लोग अब भी गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं। बहरहाल, मतदाता ‘माटी के लाल’ से प्रभावित नहीं हैं और चाहते हैं कि सिर्फ सोनिया ही रायबरेली का प्रतिनिधित्व करें। सोनिया 2004 से ही इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। चाय विक्रेता किशोर नंदन ने कहा कि क्षेत्र में एकतरफा चुनाव है। उन्होंने कहा कि आप कैसे किसी व्यक्ति पर भरोसा कर सकते हैं जो कभी गांधी परिवार का विश्वास पात्र था और अब उसने पाला बदल लिया। मिठाई की दुकान और रेस्त्रां चलाने वाले कमलेश ने कहा कि यह शहर गांधी परिवार की वजह से जाना जाता है।

अपनी मुंबई यात्रा को याद करते हुए उन्होंने बताया कि वहां लोगों ने उनसे कहा कि आप इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के क्षेत्र से आए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1967 से लेकर 1977 तक रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया था। कमलेश ने कहा कि हम चाहते हैं अपने पूरे जीवनकाल में सोनियाजी सांसद के रूप में हमारा प्रतिनिधित्व करें। उन्होंने कहा कि सोनिया की हार से देशभर में रायबरेली का नाम बदनाम होगा। सोनिया ने इस चुनाव के मौसम में दो बार रायबरेली की यात्रा की। पहली बार नामांकन पत्र दाखिल करने के लिये और दूसरी बार गुरुवार को आईं जब उन्होंने एक रैली को संबोधित किया और झूठे वादे करने के लिये भाजपा पर हमला किया। बहरहाल, मतदाता परेशान नहीं दिखे।

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श्रमिक राम आसरे ने कहा कि वह भले ही कभी-कभार यहां आती हों क्योंकि वह अस्वस्थ हैं, लेकिन निश्चित तौर पर विजयी होंगी। संप्रग अध्यक्ष का प्रचार अभियान उनकी बेटी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा देख रही हैं। प्रियंका ने यहां जनसभाएं और रोड शो किये हैं। प्रचार के दौरान प्रियंका ने भाजपा पर विकास को रोकने का आरोप लगाया और सिंह को ‘विश्वासघात’ करने वाला करार दिया। रायबरेली में मतदाताओं का कहना है कि उनका गांधी परिवार से भावनात्मक लगाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक व्यापारी दीपक त्रिपाठी का कहना है कि अगर सोनिया गांधी हारती हैं तो यह रायबरेली का अपमान होगा। एक अन्य श्रमिक राम नारायण ने कहा कि सोनिया गांधी ने क्षेत्र के लिये बहुत कुछ किया है। उन्होंने यहां एक एम्स, एक फ्लाइंग इंस्टीट्यूट, राजीव गांधी युनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज और फुटवियर डिजाइन केंद्र स्थापित करवाया है।

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