आचार्य प्रमोद कृष्णम पर दांव खेलना चाहती है कांग्रेस, लखनऊ से लड़ सकते हैं चुनाव

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अजय कुमार । Mar 12 2019 3:46PM

आचार्य प्रमोद कभी प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेहद करीबी थे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी में कई जिम्मेदारियां भी संभाली हैं। हाल ही में आचार्य प्रमोद तब विवाद में फंसे थे जब उन्होंने फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के विवादित बयान का समर्थन किया था।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस को कोई स्थानीय नेता नहीं मिल रहा है। ऐसे में ताकतवर नेताओं के अभाव के चलते कांग्रेस ने   विवादित छवि वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम पर दांव खेलने का विचार किया है। बता दें कि आचार्य प्रमोद अक्सर न्यूज़ चैनलों में कांग्रेस का पक्ष रखते हुए दिखाई देते हैं। उत्तरप्रदेश के संभल में जन्मे आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठ के पीठाधीश्वर हैं। पूरी तरह से आध्यात्म का रास्ता अपना चुके आचार्य प्रमोद की यह नियति है कि वह अपने चाहने वालों के बीच अपने आप को अध्यात्म गुरु की तरह तो पेश करते ही हैं लेकिन सियासत का रंग भी उनसे कभी दूर नहीं हो पाया। आचार्य प्रमोद कभी प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेहद करीबी थे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी में कई जिम्मेदारियां भी संभाली हैं। हाल ही में आचार्य प्रमोद तब विवाद में फंसे थे जब उन्होंने फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के विवादित बयान का समर्थन किया था।

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इस दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था नसीरुद्दीन शाह की बात में दम है, हिन्दुस्तान में मुसलमान होना सबसे बड़ा गुनाह हो गया है। इससे पहले सभी ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को हिन्दी भाषीय राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान प्रचार-प्रसार करते हुए देखा था। हालांकि, कुछ समय पहले अखाड़ा परिषद् ने उन्हें फर्जी संतों की सूची में डाल दिया था। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने प्रदेश के सभी सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम हाईकमान को भेजे हैं लेकिन लखनऊ सीट के लिए अभी तक किसी का भी नाम नहीं भेजा गया। ऐसे में कांग्रेस यहां से किसी बड़े नाम पर दांव खेलना चाहती है। 

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नाम न लिए जाने की शर्त पर कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि आलाकमान लखनऊ संसदीय क्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला या फिर आचार्य प्रमोद कृष्णम को उतारने के बारे में विचार कर रही है। गौरतलब है कि करूणा शुक्ला ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में रमन सिंह के खिलाफ अपना पर्चा दाखिल किया था। लेकिन मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि करूणा शुक्ला इस बार किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती हैं। 

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