'जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है', अधीर रंजन ने राजीव गांधी को याद करते हुए किया ट्वीट, बाद में किया डिलीट
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी राजीव गांधी को याद करते हुए ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने राजीव गांधी की अलग-अलग मुद्राओं में तस्वीर के साथ ही बड़े-बड़े अक्षरों में फोटो कैप्शन में लिखा- ''When a big tree falls, the ground shakes'' यानी जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। हालांकि थोड़ी देर बाद ही अधीर रंजन चौधरी ने वो ट्वीट हटा दिया
21 मई, 1991 की रात दस बज कर 21 मिनट पर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में कुछ ऐसा ही घटित हुआ। तीस बरस की एक छोटे कद की लड़की चंदन का एक हार लेकर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरफ़ बढ़ी। जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए झुकी, एक जोरदार धमाके ने वहां सन्नाटा कर दिया। 21 मई की तारीख यानी राजीव गांधी की पुण्यतिथी का दिन। राजीव गांधी के जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से तो आपने खूब सुने होंगे। लेकिन राजीव का एक विवादित बयान तो उनकी मौत के तीन दशक बाद भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ता है और उसको जायज़ ठहराने में कांग्रेस पार्टी को अभी भी काफ़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
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राजीव गांधी की पुण्यतिथि के दिन राहुल गांधी ने अपने पिता को याद करते हुए काफी भावुक ट्वीट किए। कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी। लेकिन इसी क्रम में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी राजीव गांधी को याद करते हुए ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने राजीव गांधी की अलग-अलग मुद्राओं में तस्वीर के साथ ही बड़े-बड़े अक्षरों में फोटो कैप्शन में लिखा- ''When a big tree falls, the ground shakes'' यानी जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। हालांकि थोड़ी देर बाद ही अधीर रंजन चौधरी ने वो ट्वीट हटा दिया। उसकी जगह नया ट्वीट किया गया जिसमें तस्वीर तो वही थी लेकिन इसका कैप्शन बदल गया था और इसमें लोगों के विकास की बातें कही गई।
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क्या था राजीव गांधी का बयान
इंदिरा गांधी की मौत के बाद लोग सिखों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। सबसे ज्यादा कहर दिल्ली पर बरसा। करीब तीन दिन तक दिल्ली की सड़कों औऱ गलियों पर कत्लेआम होता रहा। सिख जान बचाने के लिए जगह ढूंढ रहे थे। 19 नवंबर 1984, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनका पहला जन्मदिन। दिल्ली में सिख विरोधी दंगों को शुरू हुए पंद्रह दिन भी नहीं बीते थे और राजीव गांधी ने तमाम रस्मो-रिवाज के साथ इंदिरा गांधी का जन्मदिन मनाने की घोषणा कर दी। यह वो दौर था जब इंडिया गेट के नजदीक बोट क्लब सियासत का केंद्र बिंदु हुआ करता था और इसको आज के रामलीला मैदान या जंतर-मंतर की हैसियत प्राप्त थी। दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगों पर राजीव गांधी ने कुछ खास नहीं बोला। मनोज मित्ता और एचएस फुल्का अपनी किताब 'व्हेन अ ट्री शुक डेल्ही' में लिखते हैं कि, राजीव गांधी ने बोट क्लब की रैली में कहा, 'गुस्से में उठाया गया कोई भी कदम देश के लिए घातक होता है। कई बार गुस्से में हम जाने-अनजाने ऐसे ही लोगों की मदद करते हैं जो देश को बांटना चाहते हैं'। लेकिन इसके बाद उन्होंने जो कहा वो चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि हमें मालूम है कि भारत की जनता को कितना क्रोध है, कितना ग़ुस्सा है और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। राजवी गांधी के बयान से यह संदेश गया- 'मानो इन हत्याओं को सही ठहराने की कोशिश की जा रही थी।
Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury's now-deleted tweet; he had posted this earlier today. pic.twitter.com/EF77RlskQE
— ANI (@ANI) May 21, 2022
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