कोविड-19 से बचने के लिए आदिवासी समुदायों की अच्छी आदतों को अपनाएं : वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा, कोविड-19 से बचने के लिए आदिवासी समुदायों की अच्छी आदतों को अपनाएं।ओडिशा में 62 आदिवासी समुदाय हैं जो राज्य की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, “इन आदिवासी समुदायों का विकास एवं कल्याण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
भुवनेश्वर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को यहां एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि ओडिशा की आदिवासी आबादी कोविड-19 वैश्विक महामारी से व्यापक तौर पर बची रही है और उनकी अनोखी आदतों एवं परंपराओं ने उन्हें संक्रमण से दूर रखने में मदद की है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति शोध एवं शिक्षण संस्थान (एससीएसटीआरटीआई) की रिपोर्ट में बताया गया कि जनजातीय लोगों की चलते वक्त एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रखने की आदत होती है। नायडू ने यहां उत्कल विश्वविद्यालय के 50वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “जनजातीय संस्कृति में इस प्रकार की सुरक्षित दूरी एवं साफ-सफाई संबंधी नियमों के साथ ही प्राकृतिक खान-पान ने उन्हें वैश्विक महामारी के दौरान सुरक्षित रहने में मदद की है।”
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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को आदिवासी समुदायों के इन सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शनिवार को भारत में कोविड-19 के 89,129 मामले सामने आए जो पिछले करीब साढ़े छह महीनों में सबसे ज्यादा हैं। इसके साथ ही देशभर में अब तक कोरोना के 1.23 करोड़ मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ओडिशा में 62 आदिवासी समुदाय हैं जो राज्य की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, “इन आदिवासी समुदायों का विकास एवं कल्याण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें उनके प्रति सम्मान एवं संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। खुद को ऊंचा दिखाने वाला दृष्टिकोण गलत है।” उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि हमने आदिवासी समुदायों से बहुत कुछ सीखा है जो प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए सादा जीवन जीते हैं।
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