रूस के बाद फ्रांस ही भारत का सच्चा साथी! दिखी मोदी-मैक्रों की दोस्ती

macron modi
ANI
अंकित सिंह । May 5 2022 10:37AM

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मोदी और मैक्रों की एक दूसरे से गले लगने की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पेरिस में मुलाकात की। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच किस तरह की आत्मीयता है, इसका अंदाजा कल के एक फोटो से आपको लग सकता है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार देर रात को फ्रांस दौरे पर पहुंचे थे। फ्रांस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। पेरिस हवाई अड्डे पर ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान वहां हजारों की संख्या में भारतीय मूल के लोग भी इकट्ठे हुए थे। उनके हाथों में तिरंगा था और वह प्रधानमंत्री का वेलकम कर रहे थे। हालांकि इसके बाद जो दृश्य आया वह बेहद ही सुखद था। दरअसल, जैसे ही प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात करने पहुंचे ते इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें गले से लगा लिया। दोनों के बीच जबरदस्त की बॉन्डिंग दिख रही थी। मैक्रों और मोदी के मुलाकात से इस बात का तो अंदाजा लग ही गया कि भारत के लिए फ्रांस कितना मायने रखता है। सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रेंड कर रहा है कि रूस के बाद अगर कोई भारत का सच्चा साथी है तो वह फ्रांस ही है। इसके बाद दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मोदी और मैक्रों की एक दूसरे से गले लगने की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने पेरिस में मुलाकात की। यह मुलाकात भारत-फ्रांस की दोस्ती को और गति देगी।’’ दोनों नेताओं की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होने से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में मोदी और मैक्रों की अकेले में बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘दो दोस्तों की मुलाकात। यह नया जनादेश प्राप्त कर आए इमैनुअल मैक्रों को भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को नयी गति देने का अवसर प्रदान करता है।’ ’प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से द्विपक्षीय तथा आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों नेताओं की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होने से पहले फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में मोदी और मैक्रों ने अकेले बातचीत भी की थी। मोदी की यह यात्रा यूक्रेन संकट के बीच और ऐसे वक्त में हो रही है, जब रूस के खिलाफ यूरोप लगभग एकजुट है।

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विदेश सचिव विनय क्वात्रा भारत और फ्रांस मजबूत रणनीतिक साझेदार हैं। राष्ट्रपति मैक्रों ने नए सिरे से जनादेश और दोनों नेताओं के बीच बातचीत से हमें भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा ताकत और सफलता का निर्माण करने की अनुमति दी। दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी प्रमुख क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की। भारत और फ्रांस एक दूसरे को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के संबंध में, एक दूसरे की स्थिति के बारे में व्यापक समझ थी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि निकट समन्वय और जुड़ाव महत्वपूर्ण है ताकि भारत और फ्रांस दोनों ही उभरती स्थिति में रचनात्मक भूमिका निभा सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को जल्द से जल्द भारत आने का न्योता दिया है।

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मोदी की यात्रा ऐसे समय में हुई जब फ्रांस यूरोपीय संघ की अध्यक्षता कर रहा है। साथ ही यह यात्रा ऐसे समय में रही जब भारत और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं। अगस्त 2019, जून 2017, नवंबर 2015 और अप्रैल 2015 के बाद मोदी की यह पांचवीं फ्रांस यात्रा है। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मार्च 2018 में भारत का दौरा किया। दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2021 में जी20 रोम शिखर सम्मेलन, जून 2019 में जी20 ओसाका शिखर सम्मेलन और दिसंबर 2018 में जी20 ब्यूनस आयर्स शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की थी। भारत और फ्रांस 1998 से रणनीतिक साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु, अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष और समुद्री सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण, आतंकवाद का मुकाबला, लोगों के बीच संबंधों में बहुआयामी साझेदारी है। भारत और फ्रांस नवंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सीओपी21 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के संस्थापक सदस्य हैं। 

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