अंबेडकर के नाम पर विवाद के बाद राम नाइक ने कहा, कोई राजनीति नहीं की
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि उन्होंने यह कहकर कोई राजनीति नहीं की कि बीआर अंबेडकर का नाम‘ भीम राव अंबेडकर के तौर पर गलत इस्तेमाल हो रहा है और उनके नाम में‘ रामजी’ जोड़ा जाना चाहिए।
मुंबई। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि उन्होंने यह कहकर कोई राजनीति नहीं की कि बीआर अंबेडकर का नाम‘ भीम राव अंबेडकर के तौर पर गलत इस्तेमाल हो रहा है और उनके नाम में‘ रामजी’ जोड़ा जाना चाहिए। नाइक ने अंबेडकर के पोते प्रकाश यशवंत अंबेडकर की आलोचना को भी खारिज किया कि नाम में‘ रामजी’ को जोड़ना अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए समर्थन जुटाना है। लखनऊ से नाइक ने कहा, ‘‘राजनीति में कुछ लोग हर चीज को राजनीतिक नजरिये से देखते हैं। इसलिए वे इस तरह के आरोप लगाते हैं।’’ नाइक मुंबई से तीन बार विधायक और पांच बार सांसद रहे हैं।
डॉ अंबेडकर के नाम में‘ रामजी’ जोड़ने का सुझाव देकर आरएसएस के हाथों में खेलने के दावों को बकवास करार देते हुए नाइक ने कहा, ‘‘जो लोग अंबेडकर को सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखते हैं उन्होंने मेरे सुझाव का स्वागत किया है।’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति में शामिल कुछ व्यक्ति हर चीज को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं। एक तरह से यह अंबेडकर के साथ अन्याय हो रहा है जोएक आदर्श हैं। जो भी हो रहा है दुखद है।’’ नाइक ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में उन्होंने प्रकाश अंबेडकर के संज्ञान में अंबेडकर के सही नाम का मुद्दा लाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा था कि डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम को उत्तर भारत में अंग्रेजी तथा हिंदी में‘ भीम राव अंबेडकर’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों का नाम भी इसी तरह का है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रकाशित संविधान की प्रति के पृष्ठ पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं जो दर्शाता है कि डॉ बीआर अंबेडकर ने हिंदी में‘ भीमराव रामजी अंबेडकर’ और अंग्रेजी में‘ बी आर अंबेडकर’ के तौर पर हस्ताक्षर किए हैं।’’ नाइक ने कहा, ‘‘सांसद के तौर पर मेरी पहल पर सरकार ने अंबेडकर की जन्म शताब्दी के मौके पर जो डाक टिकट जारी किया था उसमें भी उनका नाम हिंदी में डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर और अंग्रेजी में डॉ बी आर अंबेडकर है।’’
नाइक ने कहा, ‘‘प्रतिष्ठित मराठी लेखक और पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ नरेंद्र जाधव ने हिंदी में अंबेडकर पर चार संस्करण का संपादन किया है और उसकी प्रस्तावना में उनकानाम डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर बताया है।’’ उत्तर प्रदेश सरकार ने28 मार्च को सभी सरकारी रिकॉर्डों में डॉ अंबेडकर का नाम सही करके‘ डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर’ करने का आदेश जारी किया था।
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