आगरा जिला प्रशासन ने पत्र लिखकर प्रियंका के ट्वीट पर जताई नाराजगी, कांग्रेस ने कहा- नहीं मिला पत्र

Priyanka Gandhi

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने रुख पर कायम हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि उसे आगरा प्रशासन से अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है।

नयी दिल्ली। आगरा जिला प्रशासन ने पिछले 48 घंटे में जिले में कोविड-19 से कथित रूप से 28 मरीजों की मौत संबंधी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे भ्रामक बताया है और 24 घंटे के अंदर इसे वापस लेने को कहा है। आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने सोमवार को प्रियंका को ई-मेल के जरिए भेजे गए पत्र में कहा है कि कांग्रेस महासचिव का वह दावा बेबुनियाद और भ्रामक है। हालांकि प्रियंका अपने रुख पर कायम हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि उसे आगरा प्रशासन से अभी तक ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। 

इसे भी पढ़ें: कानपुर शेल्टर होम मामले को प्रियंका ने योगी सरकार साधा निशाना 

जिलाधिकारी ने पत्र में कहा है कि ट्विटर पर डाली गई पोस्ट प्रथम दृष्टया भ्रम की स्थिति पैदा करती है। इससे यह संदेश गया है कि आगरा में 48 घंटे में कोविड-19 से 28 मरीजों की मृत्यु हुई है। यह सूचना असत्य और निराधार है। उन्होंने कहा कि यह पोस्ट कोरोना योद्धाओं तथा जन सामान्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के साथ-साथ भय का वातावरण भी उत्पन्न करता है। इस भ्रामक और झूठी खबर का 24 घंटे के अंदर खंडन करना सुनिश्चित करें ताकि इस कोरोना वायरस महामारी के दौर में सभी नागरिकों और किसी भी पद पर कार्यरत कर्मी को स्थिति की सही जानकारी मिल सके और इस महामारी से बचाव में लगे हुए कर्मियों के मनोबल को ठेस ना पहुंचे। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस ने आगरा प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई भी पत्र प्राप्त होने से इनकार किया है।

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा कि योगी सरकार के “कारीगर” फिर एक पत्र को मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि ऐसा कोई पत्र अधिकृत रूप से कांग्रेस पार्टी को मिला ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इन्हीं “कारीगरों” ने कुछ ऐसा ही कारनामा तब भी किया था, जब प्रवासियों की मदद के लिए प्रियंका गांधी ने बसें भेजी थीं। 

इसे भी पढ़ें: प्रियंका ने साधा योगी सरकार पर निशाना, कहा- सचिवालय को बना दिया भ्रष्टाचार का अड्डा 

दरअसल, सोमवार को प्रियंका के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर डाली गई पोस्ट में कहा गया था आगरा में 48 घंटे में भर्ती हुए 28 कोविड-19 मरीजों की मृत्यु हुई है। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए यह कितनी शर्म की बात है कि इसी मॉडल का झूठा प्रचार करके सच दबाने की कोशिश की गई। सरकार की नो टेस्ट-नो कोरोना की नीति पर सवाल उठे थे लेकिन सरकार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। अगर उत्तर प्रदेश सरकार सच दबाकर कोविड-19 के मामले में इसी तरह लगातार लापरवाही करती रही तो यह बहुत घातक होने वाला है। हालांकि प्रियंका ने अपने रुख पर कायम रहते हुए मंगलवार को एक और ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री से जनता को स्पष्टीकरण देने को कहा है।  

ट्वीट में कहा गया है कि आगरा में कोविड-19 मृत्यु दर दिल्ली और मुंबई से ज्यादा है। वहां संक्रमण से होने वालों मौतों का दर 6.8 प्रतिशत है। यहां संक्रमण से मरने वाले 79 मरीजों में से कुल 35 प्रतिशत यानी 28 लोगों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर हुई है। उन्होंने कहा आगरा मॉडल का झूठ फैला कर इन विषम परिस्थितियों में धकेलने के जिम्मेदार कौन लोग हैं? मुख्यमंत्री को 48 घंटे के अंदर जनता को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए और कोविड-19 संक्रमित लोगों की स्थिति और संख्या में की जा रही हेराफेरी पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए। उन्होंने अपने इस दावे के समर्थन में एक अखबार की क्लिप और शासन का एक कथित पत्र भी टैग किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़