कृषि कानून: राजनाथ ने किसानों और नीति विशेषज्ञों से की मुलाकात

Rajnath

‘ग्लोबल फूड एंड रिटेल काउंसिल’ के अध्यक्ष राकेश गंभीर दोनों केंद्रीय मंत्रियों से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बातचीत हुयी और उन्होंने इन तीनों कानूनों के लिए सरकार की प्रशंसा की।

नयी दिल्ली। हालिया कृषि कानूनों को लेकर पैदा हुयी आशंकाओं को दूर करने के लिए विभिन्न हितधारकों से संपर्क के प्रयासों के तहत केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र से जुड़े नीति विशेषज्ञों, उद्योग के लोगों और शिक्षाविदों से मुलाकात की। इन लोगों ने नए कानूनों की प्रशंसा की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ राजनाथ सिंह संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों पर विचार-विमर्श करने के लिए किसानों और क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ कई बैठकें कर चुके हैं। ‘ग्लोबल फूड एंड रिटेल काउंसिल’ के अध्यक्ष राकेश गंभीर दोनों केंद्रीय मंत्रियों से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बातचीत हुयी और उन्होंने इन तीनों कानूनों के लिए सरकार की प्रशंसा की। गंभीर ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि इन तीन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधारों के एक नए युग की शुरुआत होगी और किसानों को बिचौलियों से आजादी मिलेगी तथा उन्हें बेहतर दाम मिल सकेंगे। पंजाब स्थित ग्रीन वैली फार्म के अध्यक्ष आरपीएस गांधी ने भी समान राय व्यक्त करते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों से भारी लाभ हैं, लेकिन किसानों को इसके बारे में जागरूक और शिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों से उनकी अपनी में बात करना महत्वपूर्ण है ताकि इन कानूनों को लेकर उनके मन में कोई भ्रम न हो। राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते पुरस्कार विजेता किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ लंबी बैठक की थी। 

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उनमें एक किसान पद्म श्री से सम्मानित भी थे। इससे पहले सिंह ने एक बयान में आश्वासन दिया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था बनी रहेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार के तहत समर्थन मूल्य में वृद्धि जारी रहेगी। कृषि क्षेत्र से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें यहां सिंह के निवास पर हो रही है। ‘इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर’ के अध्यक्ष एमजे खान अब तक आयोजित सभी बैठकों में मौजूद रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह किसानों, कृषि क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और केंद्र के बीच एक संवाद प्रक्रिया है ताकि नए कृषि कानूनों से संबंधित किसी भी आशंका और गलतफहमी को दूर किया जा सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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