हवाई रक्षा, साजो सामान और प्रायद्वीपीय कमान गठन पर विचार कर रहे हैं: जनरल बिपिन रावत
देश के प्रथम सीडीएस ने संवाददाताओं से कहा कि सशस्त्र बलों का संघ बनने के लिए हमें कुछ ऐसे पहलुओं पर काम करने की जरूरत है जहां फौरन एकीकरण होने के बारे में सोंच सकें।
नयी दिल्ली। देश के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र में सभी कार्रवाइयों को कवर करने के लिए, हिंद महासागर के नजदीकी क्षेत्र में सभी नौसैनिक अभियानों को देखने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा एक ‘प्रायद्वीपीय कमान’ और एक साजो सामान कमान का गठन किए जाने की संभावना है।रावत ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसी कमानों के कमांडर अपने-अपने सेवा (सेना के अंग) प्रमुख को रिपोर्ट करेंगे।उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है कि कितनी संख्या में संयुक्त कमान भारत-चीन सीमा पर गठित किए जाएंगे। देश के प्रथम सीडीएस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सशस्त्र बलों का संघ बनने के लिए हमें कुछ ऐसे पहलुओं पर काम करने की जरूरत है जहां फौरन एकीकरण होने के बारे में सोंच सकें। वहां हवाई रक्षा को हम एक क्षेत्र के रूप में पाएंगे, जो मेरे मुताबिक आसान कार्य है और समयबद्ध तरीके से हो सकता है।’’ उन्होंने इस बारे में विस्तार से कहा कि हवाई क्षेत्र के प्रबंधन की जिम्मेदारी वायुसेना की है। इसलिए, हवाई क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी अवश्य ही सेना के एक अंग पर रहनी चाहिए।
Rise in budget outlay for pensions of armed forces personnel is "unsustainable" and three services are conducting study to analyse feasibility of extending retirement age of jawans till 58: Chief of Defence Staff (CDS) Bipin Rawat
— Press Trust of India (@PTI_News) February 4, 2020
सीडीएस ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि वहां मौजूद सभी साजो सामान को एक सेवा के तहत एकीकृत रहना चाहिए और नियंत्रण के मुद्दों का सरलीकरण किया जाना चाहिए।’’ सरकार ने पिछले साल 24 दिसंबर को एक ऐतिहासिक फैसले में चार स्टार जनरल के रैंक पर सीडीएस के गठन को मंजूरी प्रदान की थी। वह सेना के तीनों अंगों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) से जुड़े़ सभी विषयों पर रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के रूप में काम करेंगे। सरकार ने रक्षा मंत्रालय के तहत सैन्य मामलों का एक नया विभाग (डीएमए) गठित करने का भी फैसला किया, जिसकी बागडोर इसके सचिव के तौर पर सीडीएस संभालेंगे। रावत ने कहा कि डीएमए में कुल छह संयुक्त सचिव-- सशस्त्र बलों से चार और सिविल सेवा से दो-- काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक एकीकृत साजोसामान कमान होना चाहिए। उन्होंने मेडिकल संसाधनों का उदाहरण देते हुए कहा कि सभी तीनों सेवाओं में आधिक्य एवं कमियों का बेहतर प्रबंधन करने की जरूरत है ताकि चिकित्सकों पर ना तो काम का अधिक दबाव रहे और ना ही उनका कम उपयोग हो।
रावत ने यह भी कहा कि एक प्रायद्वीपी कमान की जरूरत है, जो नौसेना के पास होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की पूर्वी एवं पश्चिमी कमान हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इसे अंतिम रूप दे दिया है कि कौन सा ‘थियेटर कमान’ आखिरकार गठित किया जाएगा, उन्होंने कहा, ‘‘...मैं अपने विचार व्यक्त करने से पहले इस पर सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ चर्चा करूंगा। हो सकता है कि वे बेहतर विचार दे दें’’ रावत ने कहा कि ‘‘उत्तरी सीमाओं’’--जिसका मतलब चीन से लगी भारत की सीमा है--पर इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है कि कितने कमान गठित किए जाएंगे। यह पूछे जाने पर कि यह और जटिल हो जाएगा, उन्होंने कहा कि यह बदलाव का दौर है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इन कमानों के गठन के लिए तीन साल दिए हैं।’’
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