LAC पर ऑपरेशन मिडनाइट, पूर्वी लद्दाख में रात के समय हवाई गश्त कर रही है वायुसेना

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सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में टकराव वाले कुछ बिंदुओं से चीनी सैनिकों के पीछे हटने के बावजूद अपने उच्च स्तर की तैयारी बनाये रखने संबंधी फैसले के तहत भारतीय वायुसेना क्षेत्र में रात के समय गश्त कर रही है।

नयी दिल्ली। अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन करते हुए भारतीय वायु सेना पर्वतीय पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपनी उच्च स्तर की तत्परता को बनाये रखने के लिए रात के समय में हवाई गश्तों को अंजाम दे रही है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में टकराव वाले कुछ बिंदुओं से चीनी सैनिकों के पीछे हटने के बावजूद अपने उच्च स्तर की तैयारी बनाये रखने संबंधी फैसले के तहत भारतीय वायुसेना क्षेत्र में रात के समय गश्त कर रही है। उन्होंने बताया कि अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू जेट विमानों द्वारा दिन और रात के समय चलाये जाने वाले अभियान इस बात का संकेत है कि भारत तब तक चीन पर दबाव बनाना जारी रखेगा जब तक कि पैंगोंग सो, हॉट स्प्रिंग्स और गोग्रा समेत पूर्वी लद्दाख में सभी क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल नहीं हो जाती। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘इस मोड़ पर हमारी चौकसी को कम करने का कोई सवाल ही नहीं है।’’ सूत्रों ने बताया कि चीन के कुछ क्षेत्रों में सैनिकों को वापस बुलाये जाने की प्रक्रिया शुरू किये जाने के बावजूद सेना और भारतीय वायुसेना दोनों वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कड़ी सतर्कता बनाये रखेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की थी जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के ‘‘तेजी से’’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सोमवार की सुबह सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। पिछले कुछ दिनों में वायुसेना ने चीन के साथ बढ़ रहे सीमा तनाव के मद्देनजर एलएसी के साथ हवाई क्षेत्र की निगरानी करने वाले अपने सभी प्रमुख ठिकानों पर अपने अग्रिम पंक्ति के जेट विमानों, हेलीकाप्टरों और परिवहन बेड़े की तैनाती को काफी बढ़ाया है। 

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सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने सी -17 ग्लोबमास्टर III के साथ-साथ सी -130 जे सुपर हरक्यूलिस को उतारा है ताकि क्षेत्र में भारत की सैन्य तैयारियों को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि बल पहले ही लेह और श्रीनगर सहित कई प्रमुख हवाई ठिकानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 विमानों को बड़ी संख्या भेज चुका है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए। झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं लेकिन इसका विवरण अभी नहीं आया है। क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए पिछले कुछ सप्ताह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई बार वार्ता हो चुकी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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