हवाई चप्पल वाला भी हवाई यात्रा कर सकेगाः प्रधानमंत्री

[email protected] । Apr 27 2017 2:44PM

दिल्ली-शिमला के बीच उड़ान सेवा शुरू करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में टैक्सी का किराया दस रुपए प्रति किमी है लेकिन विमान से आने का किराया 6 या 7 रुपए प्रति किलोमीटर पड़ेगा।

शिमला। देश के क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बेहतर करने के लिए शुरू की गई सरकार की महत्वाकांक्षी ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत आज पहली उड़ान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह सेवा शिमला-नयी दिल्ली के बीच शुरू की गई है जिसका परिचालन एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनी एलायंस एयर करेगी। कंपनी ने इस मार्ग पर अपने 42 सीटों की क्षमता वाले एटीआर विमान को लगाया है। साथ ही साथ मोदी ने कडप्पा-हैदराबाद और नांदेड-हैदराबाद के बीच भी इस योजना के तहत उड़ान सेवाओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र दुनिया में सबसे तेजी से विकास करता हुआ क्षेत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले तक देश में कोई विमानन नीति नहीं थी लेकिन हमने सरकार में आते ही एक नीति बनायी और बड़े शहरों के अलावा छोटे शहरों को भी विमान सेवा से जोड़ना शुरू किया।

उन्होंने कहा कि पहले यह माना जाता था कि विमान सेवा सिर्फ बड़े लोगों के लिए है लेकिन हमारी सरकार ने इसे सभी के लिए मुहैया करवाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में टैक्सी का किराया कम से कम दस रुपए प्रति किलोमीटर होता है लेकिन विमान से आने का किराया ज्यादा से ज्यादा 6 या 7 रुपए प्रति किलोमीटर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का मंत्र है 'सब उड़ें सब जुड़ें'। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा हवाई चप्पल वाला भी कर सके हमारा यही प्रयास है। इस संदर्भ में उन्होंने एक किस्सा बताते हुए कहा कि जब केंद्र में अटलजी की सरकार थी तब मैं हिमाचल का प्रभारी था और मैंने उस समय सरकार को सुझाव दिया था कि एअर इंडिया का लोगो 'महाराजा' यह संदेश देता है कि यह सेवा सिर्फ बड़े लोगों के लिए है इसलिए इसे बदल कर कार्टूनिस्ट आर. लक्ष्मण के 'आम आदमी' को बनाया जाये और मुझे खुशी है कि मेरा सुझाव मान लिया गया था।

उल्लेखनीय है कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के माध्यम से सरकार का लक्ष्य 45 गैर-सेवा या कम-सेवा वाले हवाई अड्डों के बीच हवाई यातायात को बेहतर बनाना है। इसके लिए एक घंटे की अवधि वाली उड़ान के लिए 2,500 रुपये प्रति सीट का किराया तय किया गया है। पिछले महीने नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से पांच एयरलाइन कंपनियों को 128 मार्गों पर इस योजना के तहत परिचालन की अनुमति दी गई थी। इस योजना के लिए सरकार ने व्यवहारिकता अंतर कोष (वीजीएफ) बनाया है जिसमें राज्य सरकारें भी अहम भूमिका निभाएंगी, 19 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों ने इस संबंध में सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

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