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अजीत डोभाल ने अफगान नेतृत्व से की मुलाकात, आतंकवाद रोधी सहयोग से जुड़े कदमों पर की चर्चा
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 13, 2021 20:39
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राष्ट्रपति भवन ने एक संक्षिप्त बयान में बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने आतंकवाद रोधी सहयोग और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के मुद्दे पर क्षेत्रीय आम सहमति बनाने के प्रयासों पर चर्चा की।’’
काबुल। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को अफगानिस्तान के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और पारस्परिक हित के रणनीतिक मुद्दों तथा आतंकवाद रोधी प्रयासों एवं शांति प्रक्रिया में मजबूती लाने से जुड़े विषयों पर चर्चा की। दो दिन की अघोषित यात्रा पर यहां पहुंचे डोभाल एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने आज सुबह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकत की। राष्ट्रपति भवन ने एक संक्षिप्त बयान में बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने आतंकवाद रोधी सहयोग और अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के मुद्दे पर क्षेत्रीय आम सहमति बनाने के प्रयासों पर चर्चा की।’’
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राष्ट्रपति गनी ने बैठक के दौरान कहा कि अफगान सुरक्षाबल अफगानिस्तान की स्थिरता के सच्चे स्तंभ हैं और वे क्षेत्रीय तथा वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में लड़ रहे हैं। बयान के अनुसार गनी ने डोभाल से कहा, ‘‘नाटो तथा अमेरिका के साथ भारत और अफगानिस्तान के संयुक्त प्रयास आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफल होंगे।’’ बयान में कहा गया कि डोभाल ने जवाब में कहा कि भारत अफगानिस्तान के साथ सहयोग जारी रखना चाहता है और पारस्परिक हित के मुद्दों पर वार्ता जारी रखने को तैयार है।
डोभाल ने राष्ट्रीय मेलमिलाप संबंधी उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला से भी मुलाकात की और शांति प्रक्रिया, दूसरे दौर की वार्ता की शुरुआत तथा अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में भारत की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने अपने अफगान समकक्ष हमदुल्ला मोहिब से भी मुलाकात की और आतंकवाद रोधी तथा शांति स्थापना संबंधी प्रयासों सहित पारस्परिक हित के रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की।
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अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद कार्यालय ने ट्वीट में काह कि मोहिब ने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल तथा दिल्ली से दो दिन की यात्रा पर काबुल आए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की अगवानी की। इसने कहा कि दोनों पक्षों ने पारस्परिक हित के रणनीतिक मुद्दों पर गहन चर्चा की। डोभाल की काबुल यात्रा ऐसे समय हुई है जब अफगान सरकार और तालिबान 19 साल से चले आ रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए पहली बार सीधे बात कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच पांच जनवरी को दोहा में वार्ता शुरू हुई थी। अमेरिका द्वारा फरवरी 2020 में तालिबान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से भारत उभरती राजनीतिक स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है।
NSA @hmohib hosted his Indian counterpart Ajit Doval and his high-level delegation from Delhi for a two-day visit in Kabul. The two sides held extensive conversations on issues of strategic mutual interest, including on synchronizing efforts to combat terrorism and build peace. pic.twitter.com/rpZIdHfMUb
— Office of the National Security Council (@NSCAfghan) January 13, 2021
किसान आंदोलन के चलते जाह्नवी कपूर की फिल्म “गुड लक जेरी” की शूटिंग फिर रोकी गई
- रेनू तिवारी
- जनवरी 25, 2021 15:38
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इस महीने में दूसरी बार जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुड लक जेरी' की शूटिंग किसान विरोध के कारण फिर से बाधित हुई। प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट पटियाला में शूटिंग स्थल पर पहुंचा और शहर में फिल्म की शूटिंग के खिलाफ नारे लगाए।
पटियाला। इस महीने में दूसरी बार जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म 'गुड लक जेरी' की शूटिंग किसान विरोध के कारण फिर से बाधित हुई। प्रदर्शनकारी किसानों का एक गुट पटियाला में शूटिंग स्थल पर पहुंचा और शहर में फिल्म की शूटिंग के खिलाफ नारे लगाए। कार्यक्रम स्थल के सूत्रों के मुताबिक, जो किसान खेत के बिल का विरोध कर रहे थे, उन्होंने मांग की कि जान्हवी अपने होटल से बाहर निकलें और किसानों को उनके विरोध में समर्थन दें।
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किसानों के एक समूह द्वारा यहां विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद जाह्नवी कपूर की आगामी फिल्म “गुड लक जेरी” की शूटिंग रोक दी गई। घटना शनिवार को सिविल लाइन्स क्षेत्र के पास हुई जब प्रदर्शन कर रहे किसानों ने फिल्म की शूटिंग का विरोध किया। बॉलीवुड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का किसी अभिनेता ने समर्थन नहीं किया।
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राजवंत सिंह संधू ने कहा, “पंजाब में शूटिंग कर रहे फिल्म उद्योग के लोगों से हम कह रहे हैं कि वे कम से कम उन किसानों के समर्थन में बोलें जो कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम बॉलीवुड अभिनेताओं का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे किसानों का समर्थन नहीं कर रहे।” कुछ किसान उस होटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं जहां फिल्म निर्माण दल के सदस्य ठहरे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
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नोट:कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है।लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुंबई में निकाली जा रही किसान रैली: रामदास आठवले
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 15:35
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तपासे ने एक वीडियो संदेश में कहा, “आठवले एक मंत्री हैं। उन्होंने किसानों की भावनाओं को आहत किया है। उन्हें तत्काल देश और विशेषकर महाराष्ट्र के किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली के पास हो रहे आंदोलन के समर्थन में मुंबई में किसानों को जुलूस निकालने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल “लोकप्रियता” हासिल करने के लिए किया जा रहा है। आठवले ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के पक्ष में है और उन्हें न्याय दिलाना चाहती है। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने आठवले पर किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया और अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा। पूरे महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में किसान, केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए सोमवार को मुंबई में एकत्रित हुए।
आठवले ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में तीनों कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है और केंद्र ने भी दो साल के लिए कानूनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने एबीपी माझा चैनल से कहा, “(मुंबई में) इस जुलूस की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी है।” आठवले ने कहा, “सरकार ने दो साल के लिए कानून लागू न करने का प्रस्ताव दिया था। इसलिए यह आंदोलन केवल लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया जा रहा है।”काल पुण्यात सिरम इन्स्टिट्युटला भेट देऊन आग लागलेल्या इमारतीची पाहणी केली pic.twitter.com/kiEoa8SojU
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) January 25, 2021इसे भी पढ़ें: किसानों के साथ ‘षड्यंत्र’ कर रही भाजपा, आजादी ‘खतरे’ में : अखिलेश यादव
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के पक्ष में है और उन्हें न्याय दिलाना चाहती है। उन्होंने कहा, “किसानों को सुनना चाहिए… उन्हें आंदोलन बंद कर देना चाहिए।” इस बीच महाराष्ट्र राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि आठवले ने आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन को लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा बता कर देश के किसानों का अपमान किया है। तपासे ने एक वीडियो संदेश में कहा, “आठवले एक मंत्री हैं। उन्होंने किसानों की भावनाओं को आहत किया है। उन्हें तत्काल देश और विशेषकर महाराष्ट्र के किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।नोट:कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है।दिल्ली HC ने स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का अनुरोध नहीं भेजने पर SDMC को लगाई फटकार
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 15:18
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अदालत ने स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का अनुरोध नहीं भेजने पर एसडीएमसी को फटकार लगाई है।न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों के प्रति काम करने को लेकर इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है लेकिन उनका आचरण ऐसे व्यक्तियों के प्रति लापरवाही दर्शाता है।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) द्वारा संचालित स्कूलों में विशेष शिक्षकों के 1,100 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का अनुरोध दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) को नहीं भेजने पर नगर निकाय को फटकार लगाई और साथ में 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे लोगों के प्रति काम करने को लेकर इच्छाशक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत है लेकिन उनका आचरण ऐसे व्यक्तियों के प्रति लापरवाही दर्शाता है।
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अदालत ने कहा कि 18 दिसंबर 2020 को निगम को प्रक्रिया तेज करने तथा डीएसएसएसबी को रिक्त पदों पर भर्ती का तत्काल अनुरोध भेजने का निर्देश दिया गया था लेकिन चार हफ्ते से भी अधिक वक्त बीत जाने के बावजूद निगम ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कि प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसने कहा कि निगम पर पच्चीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जिसका वह दो हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता को भुगतान करे। इसके साथ ही अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 10 फरवरी तय कर दी। अदालत गैर सरकारी संगठन ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की दिल्ली सरकार, डीएसएसएसबी तथा दिल्ली नगर निगमों के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।नोट:कोरोना वायरस से भारत की लड़ाई में हम पूर्ण रूप से सहभागी हैं। इस कठिन समय में अपनी जिम्मेदारी का पूर्णतः पालन करते हुए हमारा हरसंभव प्रयास है कि तथ्यों पर आधारित खबरें ही प्रकाशित हों। हम स्व-अनुशासन में भी हैं और सरकार की ओर से जारी सभी नियमों का पालन भी हमारी पहली प्राथमिकता है।लेटेस्ट अपडेट
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