अजमेर बम विस्फोट मामले में दोषियों को सजा 22 मार्च को
अदालत अजमेर स्थित सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में नौ साल पहले हुए धमाका मामले में दोषी पाये गये भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को 22 मार्च को सजा सुनायेगी।
जयपुर। जयपुर की एक विशेष अदालत (एनआईए) अजमेर स्थित सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में करीब नौ साल पहले हुए धमाका मामले में दोषी पाये गये भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को 22 मार्च को सजा सुनायेगी। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने सजा सुनाने के लिए 22 मार्च की तिथि तय की है। भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता न्यायालय में मौजूद थे। बचाव पक्ष के वकील ने यह जानकारी दी।
न्यायालय ने पिछली सुनवायी के बाद दोषियों को सजा सुनाने के लिए आज की तिथि तय की थी। दोषियों की सजा तय करने के मुद्दे पर आज बचाव और सरकारी पक्ष के अधिवक्ता ने अपने अपने तर्क रखे। गौरतलब है कि न्यायालय 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट मामले में स्वामी असीमानंद समेत सात आरोपियों को पहले ही संदेह का लाभ देते हुए बरी कर चुका है। बम धमाके में तीन जायरीनों की मौत हो गयी थी और पंद्रह अन्य घायल हो गये थे। बम विस्फोट मामले के तीसरे दोषी सुनिल जोशी की मौत हो चुकी है।
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