अखिलेश ने बीजेपी पर लगाए आरोप, पूर्णता की ओर बढ़ता UP का श्रृंगार, अगर जेवर के साथ चूड़ियों को जुड़ने का मिलता मौका

Akhilesh
अभिनय आकाश । Nov 25 2021 3:35PM

अखिलेश ने ट्विट करते हुए कहा कि अगर सपा सरकार के समय फ़िरोज़ाबाद में प्रस्तावित एयरपोर्ट बनने की अनुमति केंद्र की भाजपा सरकार ने रोकी न होती तो इस समय ‘जेवर’ के साथ ‘चूड़ियों’ को भी जुड़ने का मौका मिलता और उत्तर प्रदेश का वैकासिक शृंगार पूर्णता की ओर बढ़ता। सपा ही देगी यूपी के विकास को नयी उड़ान।

एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया। वहीं दूसरी ओर बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा और आरोप भी लगाए। अखिलेश ने ट्विट करते हुए कहा कि अगर सपा सरकार के समय फ़िरोज़ाबाद में प्रस्तावित एयरपोर्ट बनने की अनुमति केंद्र की भाजपा सरकार ने रोकी न होती तो इस समय ‘जेवर’ के साथ ‘चूड़ियों’ को भी जुड़ने का मौका मिलता और उत्तर प्रदेश का वैकासिक शृंगार पूर्णता की ओर बढ़ता। सपा ही देगी यूपी के विकास को नयी उड़ान। 

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अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा में कहा कि भाजपा सरकार हवाई अड्डा क्यों बना रही है। सब एयरपोर्ट हजारों करोड़ के घाटे में हैं और ये गणित किसी को समझ नहीं आ रहा। सभी एयरपोर्ट घाटे में हैं और उसके बाद आप एक के बाद एक एयरपोर्ट का निर्माण किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने वादा किया था कि गरीब हवाई जहाज पर चलेगा, कितने गरीब हवाई जहाज पर चलने लगे। 

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बता दें कि  जेवर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। इसे लेकर इलाके के लोगों को भी तमाम उम्मीदें हैं। करीब 1,330 एकड़ भूभाग में फैले इस हवाईअड्डे से सितंबर, 2024 तक परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर हवाअड्डे पर दो हवाईपट्टियां चालू होंगी। इसके पहले चरण को 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है। नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक परियोजना का पहला चरण पूरा होने के बाद यह विमानतल से सालाना 1.2 करोड़ यात्री हवाई यात्रा कर सकेंगे। विकास के सभी चारों चरण पूरा होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी। यह देश का पहला निवल शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) विमानतल भी होगा। इस विमानतल की एक और खासियत यह होगी कि इसकी परिकल्पना भारत में पहले एकीकृत ‘‘मल्टी मॉडल कार्गो’’ केंद्र के रूप में की गई है।

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