पुलिस की पिटाई से युवती की हुई मौत, आरोपियों के खिलाफ दर्ज हो हत्या का मामला: अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav

चंदौली में एक मई को पुलिस की छापेमारी के दौरान एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी जिसके बाद छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था। परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि युवती के साथ दुष्कर्म किया गया।

वाराणसी (उप्र)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चंदौली जिले में पुलिस की छापेमारी के दौरान एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सोमवार को दावा किया कि उनकी (पुलिस की) पिटाई से ही युवती की मौत हुई है। चंदौली में एक मई को पुलिस की छापेमारी के दौरान एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी जिसके बाद छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया था। परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि युवती के साथ दुष्कर्म किया गया। 

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चंदौली में युवती के परिजनों से मिलने पहुंचे यादव ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, क्या कोई कल्पना कर सकता है कि पुलिस दबिश (छापे) के बहाने दबंग बनकर दिखाएगी। यादव ने सवाल उठाया कि पुलिस को किसी भी घर में घुसकर मारपीट करने का अधिकारी किसने दिया। किस कानून के तहत, उसे (पुलिस को) लोगों को पीटने का अधिकार मिला। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि वह (चंदौली की युवती) पुलिस की पिटाई के कारण मर गई। उन्होंने हत्या के आरोप में भादंसं की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। 

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यादव ने कहा कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। यादव ने विभिन्न आरोपों में वाराणसी जेल में बंद अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भेदभाव कर रही है और जाति और धर्म के आधार पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो कार्यकर्ता रोजे में उपवास पर थे उन्हें जेल भेज दिया और उन्हें अपनी ईद जेल में मनानी पड़ी। सपा नेता ने भरोसा दिया कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ हैं और उन्हें हर संभव कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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