महाराष्ट्र के गृह मंत्री के खिलाफ आरोप: कांग्रेस ने समिति से जांच की मांग की

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राकांपा नेता देशमुख ने आरोप से इनकार किया है। पटोले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘(राकांपा प्रमुख शरद) पवार ने स्वयं सिंह द्वारा लगाए गये 100 करोड़ रुपये के आरोपों की निष्पक्ष जांच की जरूरत बतायी है। हम इस पर अधिक स्पष्टता के लिए वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की मांग करते हैं।’’

मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर ‘‘अधिक स्पष्टता’’ के लिए किसी न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति से जांच की बुधवार को मांग की। महाराष्ट्र में शिवसेना और राकांपा के साथ कांग्रेस राज्य में एमवीए सरकार का हिस्सा है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने देशमुख पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था। राकांपा नेता देशमुख ने आरोप से इनकार किया है। पटोले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘(राकांपा प्रमुख शरद) पवार ने स्वयं सिंह द्वारा लगाए गये 100 करोड़ रुपये के आरोपों की निष्पक्ष जांच की जरूरत बतायी है। हम इस पर अधिक स्पष्टता के लिए वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की मांग करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे सब कुछ साफ हो जाएगा। यह कांग्रेस की मांग है।’’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिंह, जब मुंबई पुलिस आयुक्त थे तब ‘‘सांसद मोहन डेलकर की मौत के मामले में’’ (मामला दर्ज करने से बचने के लिए) ‘‘बहाने बना रहे थे।’’ डेलकर ने पिछले महीने मुंबई के एक होटल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

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पटोले ने आरोप लगाया, ‘‘सिंह की भूमिका संदिग्ध थी...मैंने निश्चित रूप से उन्हें निलंबित कर दिया होता, उनका तबादला नहीं किया होता।’’ उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक कार जिसमें विस्फोटक सामग्री रखी थी, के मिलने के मामले में एनआईए द्वारा पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को होमगार्ड विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। पटोले ने यह भी कहा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से यह भी मांग करेगी कि पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार द्वारा नियुक्त ‘‘आरएसएस के लोगों’’ की संख्या के साथ ही इसका खुलासा करें कि ऐसे नियुक्त हुए व्यक्तियों को क्या सुविधाएं और भत्ते मिले। भाजपा नेताओं के बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बारे में, पटोले ने दावा किया कि राज्यपाल की भूमिका ‘‘संदिग्ध’’ है और राजभवन एक ‘‘भाजपा कार्यालय’’ बन गया था। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए भाजपा ने जो ठेका लिया है, उसके लिए लोग भाजपा को माफ नहीं करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन विफल रही। कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि विपक्षी दल ने कोविड-19 स्थिति और टीकों की ‘‘कम उपलब्धता’’ से ध्यान हटाने के लिए अन्य मुद्दों को उठाया।

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