केंद्र के ‘किसान मारो, पंजाब मारो’ षड्यंत्र का हिस्सा हैं कृषि विधेयक: अमरिंदर सिंह

Amarinder Singh

सिंह ने कहा कि किसान विरोधी इस कदम से पंजाब का माहौल बिगड़ेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 65 सालों में भारत को खाद्य के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के किसानों ने जो बलिदान दिया है वह सब इन विधेयकों से व्यर्थ हो जाएगा।

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कृषि सुधार संबंधी विधेयकों की कड़ी आलोचना की और कहा कि इन्हें भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार, ‘किसान मारो, पंजाब मारो’ के षड्यंत्र के तहत राष्ट्र पर थोपना चाहती है। लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के ‘किसान मेले’ की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे नहीं पता कि भाजपा और अकालियों की पंजाब से क्या दुश्मनी है और वे हमें क्यों बर्बाद करना चाहते हैं।” सरकार की ओर से यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मेले के उद्घाटन में सौ स्थानों से डिजिटल माध्यम से किसान, किसानों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारकों ने हिस्सा लिया। सिंह ने फिर चेतावनी दी कि विधेयकों से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में आक्रोश बढ़ेगा और पाकिस्तान इसका फायदा उठा सकता है। सिंह ने कहा कि किसान विरोधी इस कदम से पंजाब का माहौल बिगड़ेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 65 सालों में भारत को खाद्य के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के किसानों ने जो बलिदान दिया है वह सब इन विधेयकों से व्यर्थ हो जाएगा। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर अकाली “अपने राजनीतिक खेल” खेल रहे हैं। उन्होंने बादल दंपति से पूछा कि शिरोमणि अकाली दल इन विधेयकों के खिलाफ और पानी के महत्वपूर्ण मुद्दे पर पंजाब सरकार के साथ क्यों नहीं खड़ा है। उन्होंने कहा कि सतलज यमुना लिंक के मुद्दे पर पहले से ही स्थिति गंभीर है और ऐसे में शिअद ने कृषि विधेयकों का “समर्थन” कर समस्या को केवल बढ़ाया ही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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