भाजपा J&K को 1989 के हालात में ले जाने की कर रही है कोशिश: मौजूदा हालत पर बोली कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, डॉक्टर कर्ण सिंह और आनन्द शर्मा की मौजूदगी में आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ''10-15 दिन पहले अर्द्धसैनिक बल के हजारों अतिरिक्त कर्मियों की कश्मीर में तैनाती की गई, जबकि आतंकी गतिविधियां कम हैं, अमरनाथ यात्रा चल रही थी और पर्यटक जा रहे थे।
नयी दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए जारी परामर्श एवं अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि सरकार को कोई जोखिम उठाने से बचना चाहिए और राज्य को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखना चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि संसद सत्र चल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस स्थिति के बारे में देश को बताना चाहिए। कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर से जुड़े नीति नियोजन समूह की बैठक में हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सरकार राजनीतिक फायदे के लिए राज्य को 1989 के हालात में ले जाने की कोशिश कर रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, डॉक्टर कर्ण सिंह और आनन्द शर्मा की मौजूदगी में आजाद ने संवाददाताओं से कहा, '10-15 दिन पहले अर्द्धसैनिक बल के हजारों अतिरिक्त कर्मियों की कश्मीर में तैनाती की गई, जबकि आतंकी गतिविधियां कम हैं, अमरनाथ यात्रा चल रही थी और पर्यटक जा रहे थे। ऐसे में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती से चिंता पैदा हो गयी।' उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन की ओर से सुरक्षा को लेकर पहले परामर्श जारी किए गए। लेकिन शुक्रवार शाम गृह मंत्रालय की ओर से जो परामर्श जारी किया गया वो बहुत चिंताजनक है। उससे राज्य में लोग डरे हुए हैं।
इसे भी पढ़ें: सवालों की पोटली लेकर राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे अब्दुल्ला, खाली हाथ ही लौटना पड़ा
आजाद ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में दर्जनों घटनाएं हुई हैं और सभी सरकारों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। लेकिन कभी किसी सरकार ने अमरनाथ यात्रा को नहीं रोका और पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर छोड़ने के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा कि मुझे यह स्थिति 1990 की स्थिति की याद दिला रही है जब भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार द्वारा उस वक्त की राज्य सरकार की मर्जी के बिना राज्यपाल भेजने का बाद जो स्थिति पैदा हुई उसमें हजारों कश्मीरी पंडित भाई-बहनों को बाहर जाना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार परामर्श भेजकर डर और कश्मीर के लोगों के खिलाफ नफरत फैला रही है। वह घाटी में गलत माहौल पैदा कर रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सद्र-ए-रियासत कर्ण सिंह ने कहा, "मैने पिछले 70 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में बहुत उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात कभी नहीं देखे। अमरनाथ यात्रा बंद कर दी गई। यह अप्रत्याशित है। शिवभक्तों को बहुत दुख हुआ होगा। समझ नहीं आ रहा है कि क्या कारण है? उन्होंने कहा कि कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है कि इन कदमों के पीछे कारण क्या है? इस स्थिति से करोड़ों लोगों प्रभावित होंगे। मुझे तो कोई कारण नजर नहीं आ रहा। हम अपनी ओर से चिंता प्रकट कर रहे हैं। पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि सरकार किसी जोखिम की तैयारी कर रही है। मेरी सलाह यह होगी कि वह किसी जोखिम में न पड़े।
इसे भी पढ़ें: कश्मीर के मौजूदा हालात पर बोले आजाद, वाजपेयी की सरकार में भी ऐसा नहीं हुआ...
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनन्द शर्मा ने कहा कि जो हो रहा है वह पूरे हिंदुस्तान के लिए चिंता की बात है। कांग्रेस की तरफ से हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का क्या एजेंडा है, हमें नहीं पता है। अगर जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ जो संवैधानिक गारंटी दी गई है, उसमें कोई छेड़छाड़ होगी तो हम इसका विरोध करेंगे। आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद के जरिये देश को पूरी स्थिति के बारे में में बताना चाहिए। यह उनका कर्तव्य है। एक सवाल के जवाब में आजाद ने कहा कि 35ए जैसा प्रावधान सिर्फ जम्मू-कश्मीर में नहीं बल्कि पूर्वोत्तर कई राज्यों और कुछ पहाड़ी राज्यों में भी है लेकिन भाजपा के लोग सिर्फ जम्मू-कश्मीर की बात करते हैं क्योंकि इससे उन्हें वोट मिलते हैं।
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर से संबंधित नीति नियोजन समूह की शुक्रवार शाम बैठक हुई जिसमें राज्य के हालात पर चिंता जताते हुए कहा गया कि इस प्रदेश को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जानी चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने का परामर्श जारी किया है। सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
Ghulam Nabi Azad, Congress: The advisory that was issued by Home Ministry yesterday is worrisome and people of the entire nation as well as of Jammu&Kashmir are scared. No govt has ever asked tourists to go back. Such thing has never happened. pic.twitter.com/wpKW8GUdyU
— ANI (@ANI) August 3, 2019
अन्य न्यूज़