नये पाठ्यक्रम के नाम पर नागरिकता, संघवाद जैसे विषयों को हटाये जाने से हैरान हूं: ममता बनर्जी

Mamata Banerjee

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 संकट के बीच छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के उद्देश्य से अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिये 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि वह इस बात से हैरान है कि सीबीएसई ने पाठ्यक्रम के भार को कम करने के नाम पर ‘‘नागरिकता’’, ‘संघवाद’’ जैसे विषयों को हटाने का का निर्णय किया है। उन्होंने मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय से किसी भी कीमत पर महत्वपूर्ण अध्यायों को नहीं हटाये जाने की अपील की। बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं यह जानकर अचंभित हूं कि केन्द्र सरकार ने कोविड संकट के दौरान पाठ्यक्रम के भार को कम करने के नाम पर नागरिकता, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता और विभाजन जैसे विषयों को हटाने का का फैसला किया। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और एचआरडी मंत्रालय को सुनिश्चित करना चाहिए कि महत्त्वपूर्ण पाठों को किसी भी कीमत पर नहीं हटाया जाए।’’ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 संकट के बीच छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के उद्देश्य से अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिये 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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