आंबेडकर के अनुयायी कभी नक्सल नहीं हो सकते: रामदास अठावले
जाने-माने दलित नेता अठावले ने यहां एक बयान में कहा कि दलितों के आदर्श बी आर आंबेडकर के अनुयायी कभी नक्सली नहीं हो सकते।
मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने की माओवादियों की कथित योजना की आलोचना की, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एलगार परिषद और उसके बाद पुणे के निकट भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा का नक्सलवाद से कोई संबंध नहीं है। जाने-माने दलित नेता अठावले ने यहां एक बयान में कहा कि दलितों के आदर्श बी आर आंबेडकर के अनुयायी कभी नक्सली नहीं हो सकते। पुणे में आयोजित एलगार परिषद के आयोजकों में कई दलित कार्यकर्ता भी थे।
अठावले ने पुणे पुलिस के उन दावों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘इस तरह की साजिश करने वाले राष्ट्र-विरोधी तत्वों की हम निंदा करते हैं।’’ पुणे पुलिस ने दावा किया है कि माओवादी ‘‘राजीव गांधी (हत्या कांड) जैसी घटना’’ को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। मई 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गयी थी।
अठावले ने कहा कि संविधान में जिस भारत की कल्पना की गयी है, मोदी उसके निर्माण के लिये ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ की नीति का अनुसरण कर रहे हैं और उन पर यह आरोप लगाना ‘‘गलत’’ है कि वह किसी खास धर्म को मजबूत करने के लिये काम कर रहे हैं। पुलिस ने कल दावा किया कि दिसंबर में यहां आयोजित ‘एलगार परिषद’ और इसके बाद जिले में भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में रोना विलसन के घर से एक पत्र मिला है। रोना विलसन इस संबंध में गिरफ्तार पांच लोगों में से एक है।
मंत्री ने कहा, ‘‘आंबेडकरवादी कभी नक्सली नहीं हो सकते और नक्सली कभी आंबेडकरवादी नहीं हो सकते। अगर गिरफ्तार लोगों में कोई सच्चा आंबेडरकरवादी है तो मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करूंगा।’’
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