आंध्र प्रदेश का स्वच्छ नहर अभियान फिर शुरू होगा

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इसकी औपचारिक शुरुआत के लिए एक कार्यालय भी मुहैया कराया जाएगा। स्वच्छ कृष्णा-गोदावरी नहर परियोजना की परिकल्पना सितंबर 2019 में की गई थी, क्योंकि कृष्णा और गोदावरी घाटी में स्थित नहरों को ‘तेजी से होते शहरीकरण और औद्योगीकरण के चलते सीवेज, व्यापारिक अपशिष्ट और अन्य प्रदूषकों की बढ़ती मात्रा से गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है।’

अमरावती, 20 अगस्त। आंध्र प्रदेश सरकार स्वच्छ कृष्णा-गोदावरी नहर अभियान को एक बार फिर शुरू करने जा रही है। राज्य सरकार ने तीन साल पहले इस अभियान की घोषणा की थी, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ सका था। अभियान के तहत अभी तक सिर्फ एक निदेशक की नियुक्ति की गई थी। हालांकि, अब इसके संचालन के लिए 16 सदस्यीय परियोजना निगरानी टीम गठित की गई है, जिसमें विभिन्न विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। अभियान की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के हाथों में हैं।

इसकी औपचारिक शुरुआत के लिए एक कार्यालय भी मुहैया कराया जाएगा। स्वच्छ कृष्णा-गोदावरी नहर परियोजना की परिकल्पना सितंबर 2019 में की गई थी, क्योंकि कृष्णा और गोदावरी घाटी में स्थित नहरों को ‘तेजी से होते शहरीकरण और औद्योगीकरण के चलते सीवेज, व्यापारिक अपशिष्ट और अन्य प्रदूषकों की बढ़ती मात्रा से गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है।’ राज्य सरकार ने नहर के पुनरुद्धार कार्य के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का जिम्मा एक निजी एजेंसी को सौंपा है। परियोजना की देखरेख के लिए अक्टूबर 2019 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी कटमनेनी भास्कर को इसका निदेशक नियुक्त किया गया था। हालांकि, बाद में सरकार ने बिना कोई कारण बताए परियोजना बीच में ही छोड़ दी थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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