आंध्र प्रदेश सरकार ने आईएएस कैडर नियमों में बदलाव का स्वागत किया

रेड्डी ने कहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता ने राज्य सरकार को राज्य के हितों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना, केंद्र सरकार में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की सावधानीपूर्वक योजना बनाने के लिए कुछ लचीलापन दिया है।
अमरावती (आंध्र प्रदेश)| आंध्र प्रदेश सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर) नियम 1954 में प्रस्तावित बदलावों का स्वागत किया है, लेकिन संचालन प्रक्रिया पर, खासकर, राज्य की ओर से अधिकारी को दिए जाने वाले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को लेकर केंद्र से पुन:विचार करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र की पहल का स्वागत करते हुए आईएएस (कैडर) नियम1954 के नए उप खंडों (सब क्लाजे) पर संदेह व्यक्त किया है।
रेड्डी ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में राज्य सरकार या अधिकारी की सहमति जरूरी नहीं होगी और जिस अधिकारी का चयन केंद्र सरकार ने केंद्र की प्रतिनियुक्ति के लिए किया है, उसे राज्य सरकार को नियत समय में कार्यमुक्त करना होगा, भले ही राज्य सरकार की इच्छा न हो।
उन्होंने कहा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी राज्य सरकार में अहम भूमिका निभाते हैं और विभागों एवं विभिन्न परियोजनाओं को नेतृत्व प्रदान करते हैं। रेड्डी ने कहा कि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता ने राज्य सरकार को राज्य के हितों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना, केंद्र सरकार में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की सावधानीपूर्वक योजना बनाने के लिए कुछ लचीलापन दिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अधिकारियों को राज्य की एनओसी की जरूरत की मौजूदा प्रक्रिया को बनाए रखने का अनुरोध किया।
इससे पहले गैर-भाजपा शासित राज्यों-केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना- ने पहले ही अखिल भारतीय सेवा (कैडर) नियम 1954 में प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया है और संबंधित मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्रलिखा है।
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