केजरीवाल पर अनिल विज का पलटवार, बोले- अगर वे सच में भगत सिंह की औलाद होते तो...

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी सीबीआई से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। यही कारण है कि अब केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ताओं की ओर से जबरदस्त तरीके से भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि भाजपा मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करवाने के लिए उन्हें झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही भाजपा पर हमला करते हुए अरविंद केजरीवाल ने यह भी कह दिया था कि तुम्हें जेल से डर लगता होगा। तुमलोग सावरकर की औलाद हो, जिसने अंग्रेज़ों से माफ़ी मांगी थी। हमें जेल से डर नहीं लगता। हम भगत सिंह के औलाद है और उन्हें अपना आदर्श मानते हैं जिन्होंने अंग्रेज़ों के सामने झुकने से मना कर दिया और फांसी पर लटक गए।
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अब इसी को लेकर हरियाणा के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज की ओर से पलटवार किया गया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक अनिल विज ने अंबाला में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने एक व्याख्यान में कहा है कि वो भगत सिंह की औलाद हैं। अगर वे सच में भगत सिंह की औलाद होते तो वे शराब के गंदे धंधे में कभी संलिप्त ना होते। वहीं भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने भी केजरीवाल के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि भगत सिंह पर राजनीति करने वाले बहुत बेशर्म है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि यह आम आदमी की सरकार नहीं, ठेके वालों की सरकार है। पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने नियमों व प्रक्रिया का उल्लंघन कर शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ‘गुटबंदी’ को बढ़ावा दिया।
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आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है। इस रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के उल्लंघनों का पता चलता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा रिपोर्ट में ‘‘शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ’’ देने के लिए ‘‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां करने’’ का भी जिक्र है।