एंटी सैटेलाइट मिसाइल स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित, भारतीय उपग्रह को बनाया निशाना

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[email protected] । Mar 27 2019 5:19PM

मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि भारत का इरादा बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ में शामिल होना नहीं है और उसने हमेशा इस बात का पालन किया है कि अंतरिक्ष का केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये ही इस्तेमाल किया जाए।

 नयी दिल्ली। भारत ने बुधवार को मिशन शक्ति के तहत अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया। यह पूरी तरह से स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित परीक्षण था जिसमें भारत के ही एक उपग्रह को निशाना बनाया गया। विदेश मंत्रालय ने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की श्रृंखला के तहत यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि यह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का प्रौद्योगिकी मिशन था और इस मिशन में उपयोग किया गया उपग्रह निचली कक्षा में मौजूद भारत के उपग्रहों में से एक था। इसमें बताया गया, ‘‘परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा और योजना के तहत सभी मानदंडों को पूरा किया। यह पूरी तरह से स्वदेशी प्रौद्योगिकी पर आधारित था।’’ इसमें स्पष्ट किया गया है कि भारत का परीक्षण किसी देश को निशाना बनाकर नहीं किया गया है। 

यह परीक्षण क्यों किया गया, इस सवाल के जवाब में कहा गया है कि यह परीक्षण इसलिये किया गया ताकि भारत के अपने अंतरिक्ष संबंधी परिसम्पत्तियों की सुरक्षा की क्षमता की पुष्टि की जा सके। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि हम बाहरी अंतरिक्ष में अपने देश के हितों की रक्षा कर सकें। मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि भारत का इरादा बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ में शामिल होना नहीं है और उसने हमेशा इस बात का पालन किया है कि अंतरिक्ष का केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये ही इस्तेमाल किया जाए। इसमें कहा गया है कि भारत बाहरी अंतरिक्ष के शस्त्रीकरण के खिलाफ है और अंतरिक्ष आधारित परिसम्पत्तियो की सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का समर्थन करता है। क्या भारत बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ में प्रवेश कर रहा है, इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत मानता है कि बाहरी अंतरिक्ष मानवता की साझी धरोहर है और यह सभी राष्ट्रों की जिम्मेदारी है कि इसका संरक्षण किया जाए और अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी में हुई उन्नति के लाभ को प्रोत्साहित किया जाए। 

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मंत्रालय ने कहा कि भारत बाहरी अंतरिक्ष से जुड़ी सभी अंतरराष्ट्रीय संधियों का पक्षकार है। भारत ने इस क्षेत्र में पारदर्शिता एवं विश्वास बहाली के अनेक उपायों को लागू किया है। भारत बाहरी अंतरिक्ष में पहले हथियारों का प्रयोग नहीं करने के संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का समर्थन करता है। इसमें कहा गया है कि भारत भविष्य में बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकने के लिये अंतरराष्ट्रीय कानून का मसौदा तैयार करने में भूमिका अदा करने की उम्मीद करता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ऐलान किया कि भारत ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया और अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज कराया। वह ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। अंतरिक्ष में 300 किमी दूर पृथ्वी की निचली कक्षा ::एलईओ: में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। 

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